बचपन में दोस्तों की किताबें मांगकर इस दारोगा ने पूरी की थी पढ़ाई, अब ऐसे कर रहा असहायों की मदद

यूपी इस समय भीषण ठंड की चपेट में है। आंकड़ों के यूपी में पिछले 48 घंटों में ठंड से 30 से अधिक लोगों की मौत हुई है। ऐसे में इस ठंड में कई ऐसे बेसहारा और गरीब लोग हैं जो इस मौसम में भी फुटपाथ पर बगैर गर्म कपड़े के रातें गुजारने को मजबूर हैं। लेकिन राम की नगरी अयोध्या में यूपी पुलिस का एक दारोगा इस क्रिसमस वीक में लोगों के लिए रियल सेंटा बनाकर सामने आया है

Ujjwal Singh | Published : Dec 27, 2019 10:47 AM IST / Updated: Dec 27 2019, 04:28 PM IST

अयोध्या(Uttar Pradesh ). यूपी इस समय भीषण ठंड की चपेट में है। आंकड़ों के यूपी में पिछले 48 घंटों में ठंड से 30 से अधिक लोगों की मौत हुई है। ऐसे में इस ठंड में कई ऐसे बेसहारा और गरीब लोग हैं जो इस मौसम में भी फुटपाथ पर बगैर गर्म कपड़े के रातें गुजारने को मजबूर हैं। लेकिन राम की नगरी अयोध्या में यूपी पुलिस का एक दारोगा इस क्रिसमस वीक में लोगों के लिए रियल सेंटा बनाकर सामने आया है। ये दारोगा अपनी ड्यूटी के बाद रात को अपनी बाइक से अयोध्या की सड़कों पर घूमकर ठंड में ठिठुर रहे लोगों की मदद कर रहा है। ASIANET NEWS HINDI ने यूपी पुलिस के सब इंस्पेक्टर रणजीत यादव से बात किया। 

यूपी के अयोध्या जिले के पटरंगा थाने में तैनात दारोगा रणजीत यादव की ड्यूटी इस समय रामजन्मभूमि क्षेत्र में लगी है। रणजीत आजमगढ़ जिले के भदसर गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता श्रीपति यादव एक साधारण किसान थे। वह पांच भाइयों में तीसरे नंबर पर हैं। बचपन में आर्थिक तंगी में जीवन बिताने वाले रणजीत अब गरीबों और असहायों के लिए एक मसीहा बन कर सामने आए हैं। 

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दोस्तों की किताबें मांगकर पूरी की थी पढ़ाई 
सब इंस्पेक्टर रणजीत यादव ने बताया कि पिता जी साधारण किसान थे। बचपन से ही जीवन काफी संघर्षों में बीता है। पढाई के दौरान किताबें खरीदने के लिए भी पैसे नहीं होते थे। पढ़ाई जारी रखने के लिए सीनियर्स से उनकी पुरानी किताबें मांगकर पढ़ाई चलती थी। कुछ दोस्तों से एक-दो घंटे के लिए किताबें मांगकर लाते थे। उस दौरान ये होड़ होती थी की ज्यादा से ज्यादा मेहनत कर पढ़ाई की जाए,क्योकि  जेहन में ये बात होती थी कि कुछ घंटे बाद ये किताब वापस करनी पड़ेगी। रणजीत ने बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से एमए किया है। 

मां-पिता से मिली थी असहायों की मदद की प्रेरणा 
रणजीत बताते हैं कि "पढ़ाई के दौरान हम अकसर दूसरों से किताबें आदि की मदद लेते थे। पैसे का अभाव था इसलिए काफी कुछ लोगों की मदद पर निर्भर था। ये बात पिता जी हमेशा समझाते थे कि असहायों की मदद करना कभी भूलना मत। मां कहती थी कि अपना ये दिन कभी भूलना मत। बचपन की ये बातें आज तक जेहन में ताजा हैं। 

किसी गरीब-असहाय को देखकर मचल जाता है मन 
रणजीत इस समय अयोध्या धार्मिक क्षेत्र में खुले आसमान के नीचे रहने वाले गरीबों के लिए मसीहा बनकर सामने आए हैं। रणजीत कंपकंपाती ठंड में बिना गर्म कपड़ों के गुजर-बसर कर रहे लोगों की मदद कर रहे हैं। रणजीत रोजाना गश्त के दौरान अपनी बाइक पर गर्म कपड़े लेकर निकलते हैं इस दौरान उन्हें जो भी जरूरतमंद दिखता है उसे गर्म कपड़े देते हैं। यही नहीं यथा सम्भव रणजीत ऐसे लोगों को रैन-बसेरों तक ले जाते हैं। 

दर्जनों लोगों की खून देकर बचा चुके जान 
रणजीत यादव अपने तैनाती क्षेत्र में हमेशा लोगों की मदद को तत्पर रहते हैं। वह अब तक कई लोगों को अपना खून देकर उनकी जान बचा चुके हैं।  दुर्घटना में घायल हुए लोगों को अस्पताल ले जाने से उनके इलाज तक वह पूरा ध्यान रखते हैं। उन्हें अब तक कई संस्थाओं से सम्मान भी मिल चुका है। 

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