Interview:असम के इस शख्स की बनाई मूर्तियों से सजेगा रामलला का 77 एकड़ का परिसर, 2013 से कर रहा काम

सुप्रीम कोर्ट से रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला आने के बाद 77 एकड़ के विशाल परिसर को रामकथा कुञ्ज के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए वहां रामचरित मानस के हर प्रंसग की मूर्तियां तैयार की जा रही हैं। विहिप की कार्यशाला से करीब एक किमी दूर बड़े मैदान में एक टीन शेड के नीचे विहिप राममंदिर में भगवान राम के जीवन के हर प्रमुख क्षण को दर्शाने के लिए 100 से ज्यादा मूर्तियां तैयार करवा रहा है। इन मूर्तियों को बनाने वाले मूर्तिकार रंजीत मंडल से hindi.asianetnews.com ने खास बातचीत की।

अयोध्या(Uttar Pradesh ) .  सुप्रीम कोर्ट से रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला आने के बाद 77 एकड़ के विशाल परिसर को रामकथा कुञ्ज के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए वहां रामचरित मानस के हर प्रंसग की मूर्तियां तैयार की जा रही हैं। विहिप की कार्यशाला से करीब एक किमी दूर बड़े मैदान में एक टीन शेड के नीचे विहिप राममंदिर में भगवान राम के जीवन के हर प्रमुख क्षण को दर्शाने के लिए 100 से ज्यादा मूर्तियां तैयार करवा रहा है। इन मूर्तियों को बनाने वाले मूर्तिकार रंजीत मंडल से hindi.asianetnews.com ने खास बातचीत की। 

बीजेपी के इस बड़े नेता के कहने पर शुरू किया था काम
रंजीत मंडल असम के सिल्चर के रहने वाले हैं। उनके पास फाइन आर्ट्स में मास्टर डिग्री है। वह अब नेट की भी तैयारी कर रहे हैं। सुबह 9 से शाम 6 बजे तक काम करने के बाद जो समय बचता है, उसमें वो पढ़ाई करते हैं। वो साल 1998 में विहिप के दिवंगत नेता अशोक सिंघल के सम्पर्क में आए थे। अशोक सिंघल के बुलावे पर दिल्ली आए और विहिप के लिए काम करना शुरू कर ​दिया। वो कहते हैं, साल 1998 में मैंने असम में एक संस्था के लिए महर्षि वेदव्यास की मूर्ति बनाई थी। उस मूर्ति के इनॉग्रेशन में अशोक सिंघल जी आए थे। उन्होंने मूर्ति देखते ही इसे बनाने वाले के बारे में पूछा। मुझे बुलवाया गया। उस समय उन्होंने मुझे दिल्ली बुलाया था। कुछ महीने बाद मैं दिल्ली गया और सिंघल जी से मुलाकात की। उनके कहने पर मैंने विहिप कार्यालय के लिए एक हनुमान जी की मूर्ति बनाई। कुछ दिनों बाद मैंने नाना जी देशमुख के चित्रकूट व गोंडा आश्रम के लिए भी मूर्तियां बनाई। सिंघल जी के आदेश पर मैं 2013 में अयोध्या आ गया। 

Latest Videos

कितनी मिलती है सैलिरी
रंजीत कहते हैं, मेरे साथ पिता नारायण चंद्र मंडल और एक अन्य हेल्पर काम करता है। पिता को सैलिरी के तौर पर 10 हजार और हेल्पर को 3 हजार रुपए महीना मिलता है। मैं बेशक कहीं और काम करके इससे ज्यादा पैसा कमा सकता हूं, लेकिन यहां मैं सिर्फ विहिप और भगवान राम के लिए काम कर रहा हूं। इसलिए सिर्फ इतने पैसे ही लेता हूं, जिससे परिवार का खर्च चल जाए। 

करीब 50 प्रसंगों की मूर्तियां अभी बनाई जानी है 
वो कहते हैं, रामलला क्षेत्र लगभग 77 एकड़ में है। इस पूरे क्षेत्र को सुंदरतम रूप देने के लिए विश्व हिन्दू परिषद द्वारा ये मूर्तियां तैयार कराई जा रही हैं। रामजन्मभूमि न्यास ने 1992 में करीब 45 एकड़ में रामकथा कुंज बनाने कि योजना बनाई थी। इसी राम कथा कुञ्ज में लगाने के लिए हर पात्र की मूर्तियां मैं बना रहा हूं। राम के जन्म से लेकर लंका विजय और फिर अयोध्या वापसी के राजतिलक तक के स्वरुप को पत्थरों पर उकेरा जा रहा है। अभी तक करीब 40 प्रसंगों की मूर्तियां बन चुकी हैं। करीब 50 प्रसंगों की मूर्तियां और बनाई जानी हैं। शुरुआत में मैं अकेला ही अयोध्या आया था। करीब 2 साल बाद काम जल्दी पूरा करने के लिए पिता को बुला लिया। वो असम में कारपेंटर का काम करते थे। इन मूर्तियों को बनाने के लिए मैंने पहले धार्मिक किताबें पढ़ी और कई राज्यों में भगवान राम से जुड़े हर स्थान का भ्रमण किया। जिससे मुझे काफी जानकारी मिली उसके बाद ये काम शुरू कर पाया। 

बंगाल की तरह होगा मूर्तियों का पहनावा 
रंजीत कहते हैं, मूर्तियों का पहनावा बंगाली होगा। जबकि मूर्तियों का चेहरा उत्तर भारतीय जैसा होगा। ये मूर्तियां सीमेंट, पत्थर, सरिया, लोहे की जाली इत्यादि से तैयार की जा रही हैं। मेरी कोशिश होगी कि इन मूर्तियों को देखने वाले लोगों को ये सजीव दिखे।

Share this article
click me!

Latest Videos

महाराष्ट्र चुनाव 2024: महाविकास आघाडी की बुरी हार की 10 सबसे बड़ी वजह
Maharashtra Election Result से पहले ही लगा 'भावी मुख्यमंत्री' का पोस्टर, जानें किस नेता का है नाम
शर्मनाक! सामने बैठी रही महिला फरियादी, मसाज करवाते रहे इंस्पेक्टर साहब #Shorts
Maharashtra Jharkhand Election Result: रुझानों के साथ ही छनने लगी जलेबी, दिखी जश्न पूरी तैयारी
Jharkhand Election Exit Poll: कौन सी हैं वो 59 सीट जहां JMM ने किया जीत का दावा, निकाली पूरी लिस्ट