इकबाल अंसारी ने कहा- 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद नहीं, सिर्फ दो काम करवाऊंगा लेकिन रखी एक शर्त

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मस्जिद के लिए दी जाने वाली 5 एकड़ जमीन में बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी स्कूल और अस्पताल बनाना चाहते हैं

Asianet News Hindi | Published : Nov 13, 2019 6:31 AM IST / Updated: Nov 13 2019, 12:07 PM IST

अयोध्या(Uttar Pradesh).  सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मस्जिद के लिए दी जाने वाली 5 एकड़ जमीन में बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी स्कूल और अस्पताल बनाना चाहते हैं। एक न्यूज़ चैनल पर दिए गए बयान में इकबाल अंसारी ने ये बात कही है। लेकिन उनका कहना है कि सरकार हमें अधिग्रहीत की गई 67 एकड़ जमीन में ही 5 एकड़ जमीन दे। 

 बता दें कि देश के सबसे पुराने और विवादित राम जन्मभूमि विवाद के मुकदमे में पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर विवादित जमीन रामलला विराजमान को दे दी और सरकार को ट्रस्ट बनाकर मंदिर बनाने का आदेश दिया। जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने का आदेश जारी किया है। 

कोर्ट के फैसले से खत्म हुई नफरत 
इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट के फैसले का हमने सम्मान किया।  हमने कहा था कोर्ट जो भी फैसला करेगा उसका सम्मान करेंगे। कोर्ट ने मस्जिद के लिए जमीन दी है,पर ये जमीन कहां दी जाएगी ये नहीं पता है। उन्होंने कहा कि इस मामले से हिंदू-मुसलमान के बीच में नफरत पैदा थी, वह इस फैसले के साथ खत्म हो गई। अब हम नहीं चाहते कि अब आगे कोई नफरत हिंदू-मुस्लिम के बीच हो। 

 सरकार अगर 5 एकड़ जमीन देगी तो बनाएंगे स्कूल और हॉस्पिटल 
बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि अगर सरकार हमें जमीन देती है तो हम वहां स्कूल और हॉस्पिटल बनवाएंगे। इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू-मुस्लिम के बीच पैदा हुई जो नफरत खत्म हो गई हम नहीं चाहते कि हिंदुस्तान में दोबारा हो। बता दें कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड ये ज़मीन लेने से इनकार कर चुका है। 

67 एकड़ अधिग्रहीत से ही चाहिए जमीन 
इकबाल अंसारी ने कहा, अगर सरकार हमें जमीन देना चाहती है, तो हमें हमारी सुविधा के मुताबिक दी जानी चाहिए और वह 67 एकड़ अधिग्रहीत जमीन में से ही होनी चाहिए। अन्यथा हम इस पेशकश को ठुकरा देंगे, क्योंकि लोग कह रहे हैं चौदह कोस से बाहर जाओ और वहां मस्जिद बनाओ, यह उचित नहीं है। 
 

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