
इटावा. इटावा (Etawa) ज़िले की जसवंत नगर हॉट सीट को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का गढ़ मानी जाजी है। 37 साल से इटावा की जसवंत नगर विधानसभा सीट मुलायम सिंह यादव और उनके कुनबे के कब्ज़े में रही है। 1996 से लगातार 26 साल से मुलायम के भाई और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल (Shivpal Yadav) यहां से विधायक चुने गए। एक बार फिर वो जसवंत नगर के चुनावी दंगल में हैं। इस सीट पर तीसरे चरण में 20 फरवरी को वोटिंग हुई है।
2017 में चाचा-भतीजे में भी नाराजगी
जसवंत नगर विधानसभा सीट हमेशा से समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है। 2017 में भतीजे अखिलेश और चाचा शिवपाल के बीच राजनीतिक वर्चस्व को लेकर जो अंदरूनी संघर्ष हुआ था, उसकी वजह से समाजवादी पार्टी को इटावा ज़िले में राजनीतिक नुक़सान उठाना पड़ा था। शिवपाल यादव के राजनीतिक वर्चस्व को पिछली बार के मझधार में भी कोई टक्कर नहीं दे पाया था। शिवपाल समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में साइकिल चुनाव चिह्न से चुनाव लड़ रहे हैं। शिवपाल सिंह यादव ने दावा करते हुए कहा कि जिन लोगों को अखिलेश यादव ने टिकट दिए हैं, वे सभी लोग इस बार विजयी होंगे और सपा गठबंधन की सरकार प्रचंड बहुमत के साथ बनेगी।
शिवपाल यादव ने अपना पहला विधानसभा चुनाव साल 1996 में जीता था, बता दें कि इसी साल मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी बनाई थी। शिवपाल के राजनीतिक कद का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि पिछले पांच चुनावों में वो लगातार जीतकर विधानसभा पहुंच रहे हैं। मुलायम सिंह यादव की सरकार में मंत्री रहे शिवपाल यादव ने सरकार जाने के बाद सदन में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई। इसके बाद साल 2012 में जब अखिलेश यादव की सरकार आई तब शिवपाल यादव को फिर कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदार मिली। हालांकि बाद में चाचा-भतीजे के विवाद के कारण वो पार्टी से निकाल दिए गए थे। उन्होंने अनी खुद की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई और इस बार सपा से गठबंधन करके चुनाव मैदान में हैं।
कितनी संपत्ति के मालिक हैं शिवपाल
प्रसपा अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री ने अपनी संपत्ति की कुल कीमत लगभग 18 करोड़ जबकि सालाना आय 27 लाख रुपये बताई है। 2017 में उनकी कुल संपत्ति अब लगभग तीन गुना हो गई है।
कौन-कौन है मैदान में
भाजपा- विवेक शाक्य
सपा- शिवपाल यादव
बसपा- बृजेन्द्र प्रताप सिंह
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