यूपी के झांसी जिले के बड़ागांव कस्बे में राम जानकी मंदिर और सुन्नी जामा मस्जिद दोनों ही शहर के गांधी चौक मोहल्ले में स्थित हैं। दोनों ही कुछ दूरी में स्थित है। लेकिन अब बिना लाउस्पीकर आरती और अजान दोनों होती है। पुजारी और हाफिज का कहना है कि प्रेम और भाईचारे का संदेश देने के लिए यह फैसला लिया गया।
झांसी: उत्तर प्रदेश के जिले झांसी में राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश में एक बड़ा सदेश दिया है। राज्य समेत देश में लाउडस्पीकर को लेकर छिड़ी जंग के बीच बुंदेलखंड की धरती ने भाईचारे के संदेश देकर बता दिया कि धर्म-जाति कुछ नहीं। कुछ है तो वह आपस में प्रेम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपील के बाद से गोरखनाथ मंदिर समेत कई अन्य मंदिरों और मस्जिदों में लाउस्पीकरों को हटा दिया गया है। लेकिन यहां के राम जानकी मंदिर और जामा मस्जिद ने आपसी रजामंदी से लाउस्पीकर को हटा दिया।
रामजानकी मंदिर के पुजारी व जामा मस्जिद के इमाम हाफिज ने आपसी सहमति से लाउडस्पीकर को हटा दिया है। मंदिर के पुजारी शांति मोहन दास और मस्जित के हाफिज मोहम्मद ताज आलम का कहना है कि उन्होंने संयुक्त रूप से दशकों से लगे लाउडस्पीकर को हटाने का फैसला किया ताकि समाज में एक सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश भेजा जा सके।
दशकों से चली आ रही पंरपरा हुई खत्म
बता दें कि जिले के बड़ागांव कस्बे के गांधी चौक पर राम जानकी मंदिर और जामा मस्जिद आस-पास ही स्थित हैं। मंदिर में सुबह के समय लाउस्पीकर से आरती की जाती थी तो वहीं मस्जिद में पांचों वक्त की अजान की परंपरा दशकों से होती आ रही थी। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश का पालन करते हुए इस फैसला का खुले दिल से स्वागत पुजारी और हाफिज ने किया है। पुजारी शांति मोहन दास कहते है कि भाईचारे व प्रेम का संदेश देने के लिए इस फैसले को लिया गया है। बिना लाउस्पीकर का इस्तेमाल किए सुबह शाम आरती और भजन का कार्यक्रम भी शांतिढंग से किया जा रहा है।
लाउस्पीकर नहीं बन सकता रोड़ा
जामा मस्जिद के इमाम हाफिज ताज आलम ने कहा कि दोनों धार्मिक स्थल से लाउस्पीकर को उतरवाना समय की मांग थी। हम आपसी भाईचारे के साथ रहते आए हैं। ऐसे में लाउडस्पीकर रोड़ा नहीं बन सकता। उन्होंने आगे कहा कि मैं दुआ करता हूं कि यह सौहार्द पूरे देश में बना रहे और लोग शांति से रहें। मस्जिद में छोटे स्पीकर्स हैं जो सुनिश्चित करते है कि आवाज मस्जिद परिसर में ही रहे। यूपी के इस शहर ने दो धार्मिक स्थलों से यह संदेश उस वक्त दिया जब राज्य समेत देश में मंदिर और मस्जिद में लाउस्पीकर को लेकर घमासान मचा है।
शांति समिति बैठक में हुआ फैसला
झांसी की एसडीएम सान्या छाबड़ा ने बताया कि राम जानकी मंदिर और सुन्नी जामा मस्जिद दोनों ही शहर के गांधी चौक मोहल्ले में स्थित हैं। साथ ही दोनों एक दूसरे से चंद मीटर की दूरी पर हैं। ऐसे में दोनों जगहों पर लाउडस्पीकर बंद करने का फैसला हुआ। यह फैसला शांति समिति की बैठक के बाद हुआ।
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