झांसी: विश्वविद्यालय में देर से आने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं, इस मशीन की हेल्प से पकड़ में आयेगी लापरवाही

झांसी विश्वविद्यालय में अब देर से आने पर स्टूडेंट के अलावा शिक्षक की अब खैर नहीं है। लेटलतीफी को लेकर अप विश्वविद्यालय ने कर्मचारियों पर कसनी कसने के लिए  बायोमैट्रिक सिस्टम की शुरुआत की गई है। जल्द ही फेस रीडिंग मशीन भी लगाई जाएंगी। 

झांसी: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी और आसपास के जिलों में शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। बुंदेलखंड के सभी जिलों से बड़ी संख्या में विद्यार्थी यहां पढ़ने आते हैं। दूरदराज से आने वाले विद्यार्थियों को तब निराशा का सामना करना पड़ता है जब क्लास में शिक्षक ही नहीं मिलते। शिक्षक या तो समय से आते नहीं थे या फिर आते ही नहीं थे। ऐसे शिक्षकों को सुधारने के लिए अब विश्वविद्यालय ने एक तरीका ढूंढ निकाला है। विश्वविद्यालय ने अब शिक्षकों की उपस्थिति बायोमेट्रिक सिस्टम के माध्यम से दर्ज करने का फैसला लिया है।

हर विभाग में लगाई जाए बायोमैट्रिक मशीन
बायोमेट्रिक मशीन लगाये जाने को लेकर एक अन्य शिक्षक की प्रतिक्रिया सामने आई है। उसने कहा कि 'यह प्रयोग तो अच्छा है, लेकिन इसका प्रभावी असर तभी होगा जब हर शिक्षक व कर्मचारी इसका पालन करे। फिलहाल के शिक्षकों को पेमेंट सिस्टम की आदत नहीं है। वह बिना उपस्थिति दर्ज कराए ही कक्षा में चले जाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि बायोमैट्रिक सिस्टम हर विभाग में लगाया जाए न कि सिर्फ विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर। 

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शिक्षा की गुणवत्ता में होगा सुधार
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर बायोमेट्रिक मशीन लगा दिया है। सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को यहां उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य बी कर दिया गया है। सभी कर्मचारियों  का रिकॉर्ड विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में दर्ज किया जाएगा। विश्वविद्यालय की एक शिक्षिका ने बताया कि 'बायोमैट्रिक सिस्टम शुरू होने की वजह से अब सभी शिक्षक समय पर आएंगे। इससे विद्यार्थियों को भी फायदा मिलेगा और शिक्षा की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।'

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