नाबालिग के साथ 9 दिन तक अलग-अलग जगह पर 3 लोग करते रहे रेप, CBI ने बयां किया जुर्म

सीबीआई ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता का साल 2017 में कथित रूप से किडनैप कर गैंगरेप मामले में तीन लोगों को नामजद किया है। कोर्ट में सीबीआई द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र में बताया गया है कि घटना के दौरान लड़की नाबालिग थी। किडनैप कर अलग-अलग जगहों पर 9 दिन तक उसके साथ गैंगरेप किया गया। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 12, 2019 10:59 AM IST / Updated: Oct 12 2019, 04:31 PM IST

उन्नाव (Uttar Pradesh). सीबीआई ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता का साल 2017 में कथित रूप से किडनैप कर गैंगरेप मामले में तीन लोगों को नामजद किया है। कोर्ट में सीबीआई द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र में बताया गया है कि घटना के दौरान लड़की नाबालिग थी। किडनैप कर अलग-अलग जगहों पर 9 दिन तक उसके साथ गैंगरेप किया गया। मामले पर अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी। बंद कमरे में हुई कोर्ट की कार्यवाही के दौरान जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने मामले में सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र का संज्ञान लिया और आगे की सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया। 

जानें सीबीआई के आरोप पत्र में क्या कहा गया
सीबीआई ने मामले में नरेश तिवारी, बृजेश यादव और शुभम सिंह को नामजद किया है। उन्नाव में मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए गए पीड़िता के बयान का हवाला देते हुए सीबीआई ने आरोप पत्र में बताया, 11 जून 2017 की रात पीड़िता पानी लेने अपने घर से बाहर निकली थी। इसी बीच तीनों आरोपियों ने अपने साथियों की मदद से उसे खींच लिया। कार में ही उसके साथ कथत गैंगरेप किया। इसके बाद उसे कानपुर हाइवे पर स्थित में एक मकान में ले गए, जहां नकाबपोश 2 लोगों ने उसके साथ रेप किया। 2-3 दिन बाद उसे बृजेश यादव के घर लाया गया, जहां फिर से उसके साथ रेप हुआ। 2 दिन बाद उसे औरैया जिले ले जाया गया, जहां से वह पुलिस को मिली। 

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एक्सीडेंट के बाद पीड़िता ने दिया था ये बयान
बता दें, पीड़िता का बीते 28 जुलाई को रायबरेली में एक्सीडेंट हो गया था। एक ट्रक ने इसकी कार में जोरदार टक्कर मारी थी, जिसमें पीड़िता की मौसी-चाची की मौत हो गई थी, जबकि उसके वकील को गंभीर चोटें आईं थीं। उनका इलाज लखनऊ में चल रहा है। पीड़िता की हालत गंभीर होने की वजह से इसे दिल्ली एम्स शिफ्ट कर दिया गया था। पीड़िता ने एक्सीडेंट को अपनी हत्या की साजिश बताया। उनसे कहा, कुलदीप ने ही रायबरेली हाइवे पर हुए ऐक्सिडेंट में मुझे मारने की साजिश रची थी। इस बात पर कोई शक नहीं है। मैंने देखा कि ट्रक हमारी कार को रौंदने के लिए सीधा हमारी तरफ आ रहा था। मेरे वकील जो गाड़ी चला रहे थे उन्होंने कार को बैक करने की कोशिश की, ताकि बचा जा सके। लेकिन उससे पहले ट्रक कार को टक्कर मार चुका था। सेंगर भले ही जेल में बंद हो, लेकिन कैद में रहकर भी वो किसी भी हद तक जा सकता है।

तिहाड़ जेल में बंद है सेंगर
बता दें, 2017 में उन्नाव की रहने वाली पीड़िता ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व उनके भाईयों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था। 9 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता की उन्नाव में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। इस कथित हत्या मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट कुलदीप, उनके भाई अतुल सेंगर, उत्तर प्रदेश पुलिस के तीन कर्मियों और पांच अन्य लोगों पर पहले ही आरोप तय कर चुकी है। बीते 9 अगस्त को कोर्ट ने कहा था कि विधायक के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जिससे तय होता है कि उन्होंने दुष्कर्म किया था। कोर्ट ने विधायक सेंगर पर आईपीसी की धारा 120 बी, 363, 366, 109, 376 (आई) और पॉक्सो एक्ट तीन और चार के तहत आरोप तय किए थे। वर्तमान में विधायक तिहाड़ जेल में बंद हैं।

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