कन्नौज से कश्मीर गए दो मजदूरों की आतंकी हमले में मौत हो गई। यह दोनों ही मजदूर सेब की पेटी भरने के लिए गए हुए थे और इन्हें प्रति पेटी 10 रुपए दिए जाने थे। अगर ठेकेदार ने इनका हिसाब न रोक लिया होता तो यह भी जिंदा वापस आ जाते।
कन्नौज: कश्मीर में हुए आतंकी हमले में कन्नौज के मजदूर मारे गए। यह मजदूर एक माह पहले ही सेब के बागान में काम करने के लिए गए हुए थे। उनकी मौत पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने बताया कि बेटों की अच्छी पढ़ाई के लिए तो कोई महज दो जून की रोटी की जुगत में वहां गया था।
सेब भरने के लिए गए हुए थे 30 मजदूर
कश्मीर में आतंकी हमले में जो लोग मारे गए उसमें दो मजदूर कन्नौज के भी थे। इसमें ठठिया थाना इलाके के दन्नापुरवा के रहने वाले 50 वर्षीय राम सागर और 30 वर्षीय मुनेश कुमार का नाम शामिल था। सितंबर माह में ही ठेकेदार पिंटू के साथ में वह गए थे। पिटू कश्मीर के शोपियां में बागान में पेटी में सेब भरने के लिए गांव से 30 लोगों को लेकर गया था। इसमें से 23 लोग वापस भी आ गए थे। हालांकि हिसाब न होने के चलते 7 लोग वहीं पर रुक गए थे।
बेटों की पढ़ाई और घर के हालात सुधारने के लिए गए थे कश्मीर
रामसागर और मुनेश के घर की हालत ठीक नहीं थी। रामसागर के पास में एक बीघा खेत है और गांव में पत्नी और दो बेटे रह रहे हैं। वह बड़ी बेटी की शादी के बाद में बेटों की अच्छी पढ़ाई का सपना लेकर ही कश्मीर गए थे। इससे पहले पति-पत्नी दोनों गांव में ही किसी तरह से मजदूरी करके परिवार का पेट पाल रहे थे। सितंबर माह में जब यहां खेतों में काम नहीं मिला तो रामसागर ठेकेदार के साथ मजदूरी के लिए वह कश्मीर रवाना हो गए। मुकेश की पत्नी पुष्पा बताती हैं कि उनके पास एक बीघा खेती है। मुकेश के परिवार में दो बेटी और चार साल का बेटा भी है। उनके पति के साथ में जेठ रामबाबू भी गए हुए थे। मुकेश यह सोचकर गया था कि घर की आर्थिक स्थिति सुधर जाएगा। उसे वहां प्रति पेटी सेब भराई पर 10 रुपया मिलना था।
मृतकों के परिजनों को मदद का आश्वासन
दोनों युवकों की मौत के बाद डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने तिर्वां एसडीएम उमाकांत तिवारी को दन्नापुरवा गांव भेजा। डीएम ने जानकारी दी कि दोनों के शव विमान से अमौसी एयरपोर्ट पहुंचेंगे और यहां से शवों को घर भेजा जाएगा। मृतक मजदूरों के परिजनों की हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया गया।