पानी की बर्बादी को रोकेगा यह अनोखा डिवाइस, किसानों के लिए साबित होगा वरदान

कानपुर के अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की छात्राओं ने एक डिवाइस तैयार की है, जो ना सिर्फ पानी की बर्बादी को रोकेगी,बल्कि उपजाऊ फसल के लिए मिट्टी को कितने पानी की आवश्यकता है, ये भी बतायेगी

 

Contributor Asianet | Published : May 28, 2022 6:35 AM IST

कानपुर: देश में गिरता भू-जल स्तर चिंता का एक बड़ा विषय है। पेय जल की तेजी से हो रही कमी के चलते केंद्र सरकार लगातार लोगों से जल की बर्बादी रोकने की अपील कर रही है। वहीं दूसरी तरफ जल संरक्षण को लेकर 'मेक इन इंडिया' के तहत कानपुर के अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की छात्राओं ने एक डिवाइस तैयार की है, जो ना सिर्फ पानी की बर्बादी को रोकेगी, बल्कि उपजाऊ फसल के लिए मिट्टी को कितने पानी की आवश्यकता है, वह भी पूरी जानकारी देगा।

प्रोजेक्ट को तैयार करने वाली छात्रों ने क्या बताया
इस पूरे प्रोजेक्ट को तैयार करने वाली तीन छात्राओं ने बताया कि जल संरक्षण करना बेहद जरूरी है। क्योंकि 'जल है तो कल है।' इसी पर छात्राओं ने पेड़ों में पानी देने के बावजूद वह जल जाते हैं और पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं। इसके पीछे के कारण को जानने के लिए छात्राओं ने रिसर्च की तो पता चला कि यदि पेड़ों में अधिक पानी डाला जाए तो वह भी नुकसानदायक होता है। खास तरीके से बनाई गई इस डिवाइस का काम यह है कि डिवाइस मिट्टी में कितने प्रतिशत नमी पेड़ पौधों के लिए फायदेमंद होगी और इसकी पूरी जानकारी देगी।

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जानिए इस डिवाइस की क्या है कीमत
जानकारी के मुताबिक इस डिवाइस को बनाने में 2000 का खर्चा आया है। फिलहाल छात्राएं प्रयास कर रही है कि कम से कम रुपयों में इस बेहतर डिवाइस को तैयार किया जाए ताकि पेड़ लगाने वाले लोग इसे खरीद सके, और किसानों के लिए भी इसे खरीदना बेहद आसान होगा। शोध करने वाली छात्राओं का दावा है कि इस डिवाइस से खेतों की सिंचाई के लिए कितने जल की आवश्यकता है, उसकी पूरी जानकारी मिल जाएगी। मतलब साफ है कि डिवाइस से पानी की बचत तो होगी ही साथ ही बेहतर फसल पाकर किसानों को भी बहुत फायदा होगा।

किसानों के लिए वरदान साबित होगा ये डिवाइस
कॉलेज के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉक्टर मनीष राजपूत ने बताया कि 'जल संरक्षण के तहत लगातार केंद्र सरकार लोगों से पानी बचाने की अपील करती है। गिरते जल स्तर को लेकर जहां सभी चिंतित है, तो ऐसे में पानी को कैसे बचाया जाए इसको लेकर केमिकल इंजीनियरिंग की छात्राओं ने शोध किया है। यह डिवाइस जल संरक्षण के लिए और उपजाऊ फसल के लिए वरदान साबित होगी।

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