यूपी के कानपुर जिले में एक ठेकेदार अपने बचे हुए पैसे लेने के लिए बिल्डर के पास गया था। लेकिन वहां पहुंचने के बाद उसने अपने साथी के साथ मिलकर ठेकेदार को जिंदा जला दिया। पुलिस को मिली सूचना के बाद दो हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
कानपुर: उत्तर प्रदेश में दोबारा मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे योगी आदित्यनाथ ने कानून को दुरुस्त बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए। लेकिन उसके बावजूद अपराधियों में कानून का खौफ खत्म हो गया है। अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे है, तभी तो रोजाना ऐसी घटनाएं सुनने को मिल जाती है कि बीच चौराहे में गोली से मारकर हत्या कर दी गई। इसी बीच यूपी के कानपुर जिले में हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। कानून का खौफ खत्म हो गया है, इसी वजह से हत्यारों ने ठेकेदारों को जिंदा जला दिया।
पेट्रोल डालकर हत्यारों ने जलाया जिंदा
शहर के चकेरी इलाके में बुधवार को एक ठेकेदार को कथित रूप से पेट्रोल डालकर जिंदा जलाकर मार डालने का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस उपायुक्त पूर्वी प्रमोद कुमार ने बताया कि चकेरी थाना क्षेत्र के लाल बंगला इलाके का निवासी ठेकेदार राजेंद्र पाल अपने बकाया 18 लाख रुपए मांगने के लिए बिल्डर शैलेंद्र श्रीवास्तव के घर गया था। इसी दौरान आरोपी ने मिलकर ठेकेदार को जिंदा जला दिया। मृतक पाल के बेटे अरविंद का आरोप है कि शैलेंद्र और उसके अकाउंटेंट राघवेंद्र तिवारी ने अपने घर के बरामदे में उसके पिता को आग के हवाले कर दिया।
80 प्रतिशत शरीर जला लेकर पहुंचे अस्पताल
पुलिस के अनुसार पाल का लगभग 80 प्रतिशत जली हालत में मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ ही देर बाद उसकी मृत्यु हो गई। प्रमोद कुमार ने बताया कि बिल्डर शैलेंद्र और उसके अकाउंटेंट राघवेंद्र तिवारी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। इतना ही नहीं उन्होंने निर्देश दिए है कि पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरा के फुटेज भी खंगाले। तो वहीं दूसरी ओर मृतक के बेटे ने मीडियाकर्मियों से बताया कि उसके पिता बिल्डर से अपना बकाया रुपया वापस लेने के लिए अनेक अधिकारियों से बहुत मिन्नतें कीं लेकिन उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की।
इटावा: 10वीं के छात्र ने रची खुद के अपहरण की कहानी, ताऊ को फोन कर मांगी फिरौती
बहू पर कलंक लगा फरार हो गया था ससुर, अगर मालिक न पहचानता लावारिस शव तो कभी भी न खुलता राज