यूपी के कानपुर से पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान के अलावा अन्य कई बांग्लादेशी नागरिकों की तलाश में भी जांच एजेंसियां जुटी हैं। बता दें कि जांच एजेंसिया इन सबके बारे में गोपनीय़ तरीके से जानकारी जुटी रही है।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान के मामले की जांच पुलिस के अलावा कई जांच एजेंसियां भी कर रही हैं। बांग्लादेशी नागरिकों की तलाश में जांच एजेंसियां जुटी हैं। वहीं कुछ संदिग्ध चिन्हित भी किए गए हैं। बताया जा रहा है कि इनके बारे में गोपनीय तरीके से जानकारी जुटाई जा रही है। वहीं कुछ दस्तावेजों का सत्यापन भी किया जा रहा है। यदि किसी के खिलाफ कोई सबूत पाया जाता है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उसमें कोई दस्तावेज यदि विधायक का मिलता है तो उनकी भी मुसीबतें बढ़ जाएंगी।
गोपनीय तरीके से जांच में जुटी जांच एजेंसियां
बता दें कि सपा विधायक इरफान सोलंकी आगजनी, रंगदारी व धोखाधड़ी समेत अन्य कई बड़े आरोपों में जेल में बंद हैं। सपा विधायक सोलंकी पर पुलिस ने डेढ़ महीने के भीतर आठ केस दर्ज किए हैं। कुल मिलाकर सपा विधायक पर 17 केस दर्ज हैं। वहीं इरफान सोलंकी पर एक केस बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान के फर्जी दस्तावेजों को सत्यापित करने का भी दर्ज है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बांग्लादेशी परिवारों को चिन्हित किया जा रहा है। पुलिस, खुफिया व अन्य जांच एजेंसियां इसमें लगी हुई हैं। बताया जा रहा है कि दो-तीन परिवार संदिग्ध मिले हैं। उनके सभी दस्तावेजों को जांच एजेंसियों ने अपने कब्जे में ले लिया है। बता दें कि इरफान ने एक ही परिवार के कुछ परिजनों के दस्तावेज सत्यापित किए हैं। एजेंसियां मामले की जांच में जुटी हैं कि वह परिवार बांग्लादेशी हैं या नहीं।
पुलिस इन सब के खिलाफ दाखिल करेगी चार्जशीट
बताया जा रहा है कि अगर डॉ रिजवान की तरह ही इनके भी दस्तावेज पाए जाते हैं तो इन परिवारों पर भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस जाजमऊ में दर्ज किए गए आगजनी के केस में एक दर्जन से अधिक अज्ञात आरोपियों की शिनाख्त कर चुकी है। इसमें विधायक के करीबी कई शातिर अपराधी और उनके करीबी हैं। हालांकि कुछ लोग पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। बता दें कि इन सब के खिलाफ पुलिस एनबीडब्ल्यू लेने की तैयारी कर रही है। पुलिस कोर्ट के खुलने के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू करेगी। वहीं ग्वालटोली के केस की विवेचना भी आखिरी दौर में है। एक फरार आरोपी कि गिरफ्तारी के बाद पुलिस इन सब के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगी। पुलिस इस केस की विवेचना एक सप्ताह के भीतर पूरी कर सकती है।