कानपुर हिंसा: शहर के इस बिल्डर ने की थी मास्टरमाइंड जफर हाशमी को फंडिंग, केडीए के रडार पर आई 31 अवैध इमारतें

शहर के नामी बिल्डर ने कानपुर हिंसा के मास्टरमाइंज जफर हाशमी को फंडिंग की थी। जिसके बाद पूछताछ में सामने आए नाम के बाद कानुपर विकास प्राधिकरण यानी केडीए के रडार पर 31 अवैध इमारतें है। इतना ही नहीं इन 31 अवैध बिल्डिंगों में 11 बिल्डिंगों के तो नक्शे भी दाखिल नहीं किए गए। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 15, 2022 4:25 AM IST

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में बीते तीन जून को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा मामले में अब तक कई खुलासे हो चुके है। इस हिंसा में शहर के बड़े बिल्डर के नाम भी सामने आए है, जिन्होंने आरोपी जफर हाशमी को फंडिंग भी थी। पुलिस द्वारा पूछताछ में पता चला है कि शहर के बिल्डर हाजी मोहम्मद वसी ने कथिर रूप से हिंसा के आरोपी हयात जफर हाशमी को फंडिंग की है। जिसके बाद से पुलिस अधिकारियों ने रजिस्ट्री ऑफिस से इस बिल्डर द्वारा बनाई गई सभी बिल्डिंगों के दस्तावेज मांगे है। बिल्डर का नाम सामने आने के बाद से जांच शुरू हो चुकी है।

शहर में सौ करोड़ की अवैध इमारते की मिली जानकारी
पुलिस अधिकारियों ने रजिस्ट्री ऑफिस से इस बिल्डर द्वारा बनाई गई सभी बिल्डिंगों के दस्तावेज मांगे हैं। आरोप है कि वसी ने शहर भर में सौ करोड़ की अवैध बिल्डिंगें कर दी हैं। जानकारी के अनुसार पुलिस को शहर में हाजी मोहम्मद वसी की 31 बिल्डिंगों की सूचना मिली है, जो सभी अवैध रूप से निर्मित है। इतना ही नहीं इन 31 अवैध इमारतों में 11 बिल्डिंगों के तो नक्शे भी दाखिल नहीं किए गए है। इसके अलावा रिश्तेदारों और करीबियों के नाम पर जमीनों में निवेश किया गया। 

दस सालों में कमाई करोड़ों रुपए पर होगी पड़ताल 
हिंसा के बाद सामने आए बिल्डर वसी के नाम के बाद दस सालों में करोड़ों रुपए की कमाई को लेकर आयकर विभाग भी पड़ताल करेगा। शहर में इतनी इमारतें अवैध रूप से होने के बाद से कानपुर विकास प्राधिकरण यानी केडीए में तैनात रहे अधिकारियों पर भी जांच की तलवार लटकी हुई है। उन सभी पर सवाल उठ रहा है कि आखिर वसी ने शहर में एक के बाद एक 31 बिल्डिंगें अवैध तरीके से बना ली और अधिकारियों ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की है।

परिवार के सदस्यों के खातों की शुरू हुई जांच
बता दें कि कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात सहित चार आरोपियों की रिमांड आज खत्म हो रही है। इसलिए पुलिस आज उनकी पांच दिनों की और रिमांड मांगेगी। अभियोजन पक्ष के वकील के अनुसार पिछली रिमांड में बैंक की छुट्टी होने की वजह से खातों से संबंधी पड़ताल पूरी नहीं हो पाई थी। हिंसा में सामने आए नाम जफर हयात को लेकर एसआईटी ने फंडिंग की पड़ताल के लिए उसके परिवार के चार सदस्यों के खातों की जांच शुरू कर दी है। 

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