जवाहर यादव हत्याकांड: 23 साल बाद आया कोर्ट का फैसला,करवरिया बंधुओं को उम्रकैद की सजा

प्रयागराज के चर्चित पूर्व विधायक जवाहर यादव उर्फ पंडित हत्याकांड में इलाहाबाद की जिला अदालत का 23 साल बाद फैसला आ गया है। अदालत ने मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया उनके भाई पूर्व विधायक उदयभान करवरिया,तीसरे भाई पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया तथा रिश्तेदार रामचंद्र उर्फ कल्लू को उम्रकैद की सजा सुनाई है

Asianet News Hindi | Published : Nov 4, 2019 11:37 AM IST / Updated: Nov 04 2019, 05:29 PM IST

प्रयागराज(Uttar Pradesh ). प्रयागराज के चर्चित पूर्व विधायक जवाहर यादव उर्फ पंडित हत्याकांड में इलाहाबाद की जिला अदालत का 23 साल बाद फैसला आ गया है। अदालत ने मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया उनके भाई पूर्व विधायक उदयभान करवरिया,तीसरे भाई पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया तथा रिश्तेदार रामचंद्र उर्फ कल्लू को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट से बाहर निकलते समय समर्थकों ने नारेबाजी भी की। 


बता दें कि तकरीबन 23 साल पहले 13 अगस्त 1996 को पूर्व सपा विधायक जवाहर यादव उर्फ पंडित की सिविल लाइंस इलाके में गोली मारकर की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में करवरिया बंधुओं के साथ ही कुछ अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट मृतक जवाहर यादव की पत्नी पूर्व विधायक बिजमा यादव ने दर्ज कराई थी। तब से इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद जिला अदालत में चल रही थी। 

जाने कौन हैं करवरिया बंधु 
करवरिया परिवार प्रयागराज के बड़े राजनैतिक घरानो में से एक है। जिसमे कपिल मुनि करवरिया बसपा से इलाहाबाद के सांसद रहे हैं। जबकि उनके छोटे भाई उदयभान करवरिया बीजेपी से विधायक और तीसरे भाई सूरजभान करवरिया विधान परिषद के सदस्य रहे हैं। वर्तमान में उदयभान करवरिया की पत्नी नीलम करवरिया प्रयागराज की मेजा विधानसभा से बीजेपी की विधायक हैं। 

सिविल लाइंस में AK-47 से हुई थी हत्या 
जवाहर यादव उर्फ पंडित की हत्या शहर के पॉश इलाके सिविल लाइंस इलाके में कर दी गई थी। शाम करीब साढ़े 6 बजे हुई इस हत्या को AK-47 से अंजाम दिया गया था। जवाहर यादव अपनी मारुति 800 कार से लाउदर रोड स्थित कार्यालय से अशोक नगर अपने घर जा रहे थे। हमलावर एक मारुति वैन में सवार थे। इसमें घटना में जवाहर यादव के साथ ही उनका ड्राइवर गुलाब यादव व एक राहगीर कमल कुमार दीक्षित की भी मौत हो गई थी । 

योगी सरकार ने वापस ले लिया था केस फिर कोर्ट ने पलटा फैसला
बता दें, 2017 में यूपी में सरकार बनने के बाद योगी सरकार ने करवरिया बंधुओं से केस वापस ले लिया था, जिसका विरोध पूर्व विधायक विजमा यादव ने किया और कोर्ट में कानूनी लड़ाई भी लड़ी। इसके बाद कोर्ट ने सरकार के फैसले को यह कहते हुए वापस लौटा दिया कि ट्रायल कोर्ट में चल रहे मुकदमे की सुनवाई फैसले के करीब है। मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और वर्तमान  राजस्थान के गवर्नर कलराज मिश्रा की भी गवाही हुई थी।

कोर्ट ने इन धाराओं के तहत सुनाई सजा 
कोर्ट ने करवरिया बंधुओं को इन धाराओं के तहत सजा सुनाई जिसमे धारा 302 के तहत उम्रकैद व 1लाख जुर्माना, धारा 307 के तहत 10 वर्ष की सजा व 50 हज़ार जुर्माना,धारा 147 के तहत 2 वर्ष कैद व 10 हजार जुर्माना तथा धारा 148 के तहत 3 वर्ष की सजा व 20 हजार जुर्माना की सजा सुनाई गई। 

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