वाराणसी में काशी तमिल संगमम को लेकर तैयारी जारी है। इस बीच प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है। यहां 75 स्टॉलो पर तमिलनाडु का कल्चर, परिधान, हैरिटेज आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी।
अनुज तिवारी
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना के तहत काशी तमिल संगमम का आयोजन वाराणसी में हो रहा। आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस भव्य कार्यक्रम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुभारंभ बीएचयू के मैदान से करेंगे। प्रधानमंत्री के आगमन से पूर्व प्रशासन पूरी तरह से तैयारियों में लगा हुआ है।
काशी , अयोध्या, प्रयागराज के संस्कृति से होंगे रूबरू
संगमम में लगे 75 स्टालों पर तमिलनाडु का कल्चर, परिधान, हेरिटेज, वास्तुकला, मंदिर, त्योहार, खानपान, खेल, मौसम, व्यंजन, हस्तकला, हथकरघा, शिक्षा और राजनीतिक जानकारियां दी जाएंगी। वे लोग वाराणसी के घाट, सारनाथ, मंदिर, हेरिटेज घूमेंगे। वहीं यहां से प्रयागराज संगम और अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का दर्शन करके सभी लोग वापस काशी आएंगे। यहां से वे तमिलनाडु लौट जाएंगे।
दक्षिण के सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होंगे काशीवासी
चमू कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है आईआईटी मद्रास और बीएचयू दोनों मिलकर यह कार्यक्रम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसकी कल्पना प्रधानमंत्री ने की थी और शिक्षा मंत्रालय इसका क्रियान्वयन कर रहे है। मद्रास आईआईटी द्वारा 2500 तमिलनाडु प्रतिनिधि का चुनाव किया गया हैं। वह 12 ग्रुप में यहां आएंगे। दो-दो दिन यहां रहकर वह यहां का पूरा कार्यक्रम देखेंगे। जब वह यहां आएंगे तो यहां अलग-अलग संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। जो अलग-अलग विषयों में होंगे जिसमें शिक्षक, छात्र-छात्राएं समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को बुलाया गया है। यहां 30 दिनों तक कई प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है ।
तमिलनाडु के संस्कृति,वस्त्रों एवं खान पान का स्वाद लेगा काशी
चमू शास्त्री ने बताया कि आपको साउथ इंडिया का स्वाद चखने को मिलेगा जिसमें इडली-डोसा, सांभर और उत्तपम खाने को मिलेगा। साथ ही चेत्तीनाद कुसिन, कुंगनाड़ कुसिन, पोरियल , कुलम्बु, मुरुक्कू, लेमन राइस, नेई पायसम, पोरियाल पोंगल समेत सैकड़ों तरह के व्यंजन खाने को मिलेंगे। इस संगम में साउथ की सबसे बड़ी आउटलेट कंपनी सागर रत्ना द्वारा तमिल की खास व्यंजन परोसे जाएंगे उसके साथ-साथ काशी के स्थानीय व्यंजनों को भी इस संगमम में रखा जाएगा जिसे साउथ से आने वाले प्रतिनिधि चखेंगे।
वाराणसी जिला प्रशासन तैयारियों को दे रहा अंतिम रूप
क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डा. सुभाष यादव ने बताया कि संगमम में पूरे तमिलनाडु के लोगों के लिए और उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए इसमें जितने लोग भाग लेने वाले हैं। सभी के स्वागत के लिए वाराणसी जिला प्रशासन काशी हिंदू विश्वविद्यालय सभी तैयार हैं। वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा पूरी तैयारियां जोरों से चल रही है। कार्यक्रम स्थल पर मुख्य अतिथि के लिए कार्यक्रम पंडाल और उसके चारों तरफ तमिलनाडु के संस्कृति से संबंधित जितने भी चीजें हो सकती हैं उन सभी का पंडाल यहां सज रहा है। आगामी दो-तीन दिनों में इसकी पूरी तैयारियां आपको दिखाई देंगी। उन्होंने बताया कि यहां पर तमिलनाडु के जितने भी हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट की चीजें हैं केवीआईसी की चीजें हैं उनके जितने भी साहित्य हैं उनकी जितनी फिल्में हैं उनके जितने इतिहासिक विरासत हैं उन सभी का प्रदर्शन यहां पर अस्थाई रूप से 1 महीने तक होगा। उसके साथ-साथ तमिलनाडु के जितने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। उन सभी सांस्कृतिक विधाओं को यहां पूरे मन से इस मंच पर उनकी प्रस्तुति होगी।
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