डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सिराथू विधानसभा के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ वर्चुअल संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता खुद को प्रत्याशी मानकर ही अपने दायित्वों को निभाएं।
लखनऊ: सिराथू विधानसभा से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद आज 20 जनवरी 2022 को यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पार्टी पदाधिकारियों, बूथ अध्यक्षों, शक्ति केंद्र संयोजकों और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअल माध्यम से संवाद किया। इस दौरान वर्चुअल बैठक में उन्होंने कहा कि मेरी राजनीतिक यात्रा 2012 से सिराथू विधानसभा से ही प्रारंभ हुई थी, आप सभी के आशीर्वाद से ही आझ मैं इस बड़े दायित्व का भी निर्वाह कर रहा हूं।
कार्यकर्ता खुद को प्रत्याशी समझ निभाएं दायित्व
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सिराथू विधानसभा के कार्यकर्ता खुद को प्रत्याशी समझकर अपना दायित्व निभाएं। इस दौरान उन्होंने सभी को आश्वासन दिया कि उनके और कार्यकर्ताओं के बीच किसी भी प्रकार की दीवार नहीं होगी। किसी भी तरह की समस्या होने पर वह सीधे संपर्क कर सकेंगे। सिराथू विधानसभा के लिए सदैव एक ऑफिस और फोन नंबर समर्पित रहेगा।
गौरतलब है कि केशव प्रसाद मौर्य 2012 में पहली बार सिराथू से ही भाजपा के विधायक चुने गए थे और उन्होंने सपा प्रत्याशी वाचस्पति को 26000 वोटों के अंतर से हराया था। वह उस वक्त प्रयागराज मंडल से भाजपा के इकलौते विधायक चुने गए थे।
हालांकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सिराथू से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद यह हॉट सीट हो गई है। इस सीट पर अभी सपा और बसपा ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। माना जा रहा है कि मौर्य के कद और जातीय समीकरण के हिसाब से सपा और बसपा को इस सीट से प्रत्याशी उतारने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। सिराथू विधानसभा सीट पर अगर जातीय समीकरण की बात करें तो यह भाजपा के लिए बेहद अनुकूल सीट मानी जा रही है। इस सीट पर अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाता सर्वाधिक हैं। जबकि दूसरे नंबर पर पिछड़े वर्ग के मतदाता हैं। इस सीट पर हार-जीत का फैसला अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं के हाथ में रहता है। सिराथू में मौजूदा समय में 3,65,153 मतदाता हैं। इनमें पुरुष (1,95,660) और महिला (1,69,492) हैं।