चुनावी मौसम में गरमाया काशी का खादी कपड़ा बाजार, नेता-कार्यकर्ता खरीद रहे पोशाक

चुनाव आते ही खादी के दुकानों पर नेताजी की खरीदारी शुरू हो जाती है जनता के बीच जाने से पहले नेता और कार्यकर्ता अपनी ठाटबाट के लिए खादी का कुर्ता पजामा, सदरी , सिल्क सदरी,गले में डालने के लिए गमझा खरीद रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 17, 2022 2:32 PM IST

अनुज तिवारी 
वाराणसी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP vidhansabha chunav 2022) का बिगुल बज चुका है। चुनाव में राजनीतिक पार्टियां जनता के बीच जाने के लिए तरह तरह की तैयारियां करते हैं, जिसमें से सबसे खास जिसका नेताजी विशेष ध्यान रखते हैं वह है। आमतौर पर देखा जाता है कि लगभग अधिकतम नेताओं के पोशाक खादी के होते हैं।

चुनाव में नेता जी का विशेष पोशाक
चुनाव आते ही खादी के दुकानों पर नेताजी की खरीदारी शुरू हो जाती है जनता के बीच जाने से पहले नेता और कार्यकर्ता अपनी ठाटबाट के लिए खादी का कुर्ता पजामा, सदरी , सिल्क सदरी,गले में डालने के लिए गमझा खरीद रहे हैं। 

वाराणसी में खादी की 62 दुकाने बढ़ा रही नेता जी का ठाट-बाट
इससे खादी बाजार में तेजी आई है। दुकान संचालकों का कहना है कि चुनाव के लिए खादी बाजार भी तैयार है, खादी के कई वैरायटी के कपड़े उपलब्ध हैं। ठंड ज्यादा होने से वूलेन सदरी की ज्यादा खरीद हो रही है। जिले में खादी ग्रामोद्योग और गांधी आश्रम की 62 दुकानें हैं। मिंट हाउस, मलदहिया, शिवाला, अस्सी आदि जगहों पर खादी के कपड़ों की बिक्री हो रही है।

मंदी के बीच उम्मीद की तैयारी
खादी की कपड़ों को बेच रहे दुकानदार का कहना है कि अगले 2 वर्षों से कोरोना के चलते बाजारो में बड़ी मंदा था। उम्मीद है कि चुनाव में नेताओं द्वारा अच्छी खरीदारी होगी। 

ऊनी सदरी - 900 से 4000 तक
जैकेट - 800 से 3000 तक
सिल्क की सदरी -900 से 1500 तक
कुर्ता - 400 से 2000 तक

खादी सिल्क रेडिमेड कुर्ते की मांग बढ़ी
लंका स्थित दुकान संचालक ने बताया कि चुनाव के मद्देनजर खादी कपड़ों की बिक्री में ज्यादा अंतर नहीं आया है। हां, खादी सिल्क की डिमांड जरूर बढ़ी है। खादी सिल्क की डिमांड में इजाफा हुआ है। वहीं प्लेन खादी की डिमांड घट गई है। सबसे ज्यादा लोग रेडिमेड कुर्ते खरीद रहे हैं, ताकि सिलवाने के झंझट से छुटकारा मिल जाए।
 

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