Kisan Mahapanchayat: लखनऊ में टिकैत ने गिनाईं 5 मांगें, बोले- ओवैसी और भाजपा का रिश्ता चाचा-भतीजे जैसा

लखनऊ में सोमवार को किसानों ने महापंचायत (Lucknow kisan Mahapanchayat) बुलाई है। इसमें अलग-अलग इलाकों से किसान पहुंचे हैं। बागपत (Bagpat) और मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) से हजारों की संख्या में किसान आए हैं। लखीमपुर खीरी से करीब 15 हजार किसानों के महापंचायत में शामिल होने का दावा किया गया है। पूरे लखनऊ समेत इको गार्डेन के आसपास कड़ी सुरक्षा तैनात की गई है। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 22, 2021 5:23 AM IST / Updated: Nov 22 2021, 11:37 AM IST

लखनऊ। यूपी (UP) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के आह्वान पर सोमवार को किसानों की महापंचायत (kisan Mahapanchayat) हो रही है। इसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में किसान मौके पर पहुंचे हैं। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने महापंचायत में कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त किया जाए। MSP पर कानून बनाया जाए। आंदोलन में करीब 750 किसानों की मृत्यु हुई, उनके परिवार का ध्यान रखा जाए। दूध के लिए भी एक नीति आ रही है, हम उसके खिलाफ भी हैं। बीज कानून भी है। इन सब पर बातचीत करना चाहते हैं। उन्होंने मंच से भाजपा-ओवैसी पर तंज कसा है। टिकैत ने महापंचायत में कहा कि ओवैसी और भाजपा का रिश्ता चाचा-भतीजे जैसा है। ओवैसी को सीएए और एनआरसी कानून रद्द करने के लिए टीवी पर बात नहीं करनी चाहिए, बल्कि भाजपा से सीधे बात करनी चाहिए। टिकैत ने यह बयान ओवैसी के सीएए-एनआरसी कानून रद्द करने की मांग को लेकर दिया है।

बता दें कि किसान अभी आंदोलन से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। आज लखनऊ में महापंचायत में किसान आगे की रणनीति तय कर रहे हैं। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) समेत संयुक्त किसान मोर्चा के ज्यादातर पदाधिकारियों ने इस पंचायत में हिस्सा लिया है। बागपत (Bagpat) और मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) से हजारों की संख्या में किसान पहुंचे हैं। लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) से करीब 15 हजार किसानों के महापंचायत में शामिल होने का दावा किया गया है। इनमें निघासन, तिकुनिया, पलिया, गोला और जिले के अन्य हिस्सों समेत खीरी के किसान हैं।

एमएसपी पर कानून बनाने की मांग पर अड़े किसान
लखनऊ के बंगला बाजार (पुरानी जेल रोड) स्थित इको गार्डन में महापंचायत हो रही है। इसमें आने वाले किसानों के खाने-पीने के लिए आयोजकों ने इंतजाम किया है। तीन बड़े लंगर लगाए गए हैं। एक बड़े लंगर लगाने का बैकअप प्लान है। किसानों के पानी पीने के लिए टैंकरों और बोतलों का इंतजाम किया गया है। ट्रैफिक जाम से शहर को बचाने के लिए जगह-जगह पुलिस भी लगी है। यहां किसान नारे लगा रहे हैं- 'चलो लखनऊ-चलो लखनऊ।' बीकेयू की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने कहा- ‘प्रधानमंत्री ने तीन कानूनों को वापस लेने की घोषणा जरूर कर दी है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कब कानून बनाएंगे। जब तक एमएसपी को कानून बनाने और अजय कुमार मिश्रा को मंत्री पद से बर्खास्त करने के लिए कदम नहीं उठाया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।’

किसानों ने बैठकों का दौर किया तेज
बता दें कि इस महापंचायत के बाद 26 नवंबर को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की बैठक होगी। किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून नहीं बनाती है और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' को बर्खास्त नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उससे पहले रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली में बैठक की और पीएम को अपनी 6 मांगों के साथ खुली चिट्ठी भेज दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा करते हुए कहा था कि इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा। हालांकि किसान अभी भी अपना आंदोलन खत्म न करने पर अड़े हैं। आंदोलन में डटे किसान घर नहीं लौटे, बल्कि आगे की रणनीति के लिए बैठकों का दौर तेज कर दिया है। 

लखीमपुर हिंसा में आठ लोगों की हुई थी मौत
तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी और इस दौरान गोलियां चलाई गईं। इस मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा समेत दर्जनभर से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया जा गया है। मामले में एसआईटी जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को निगरानी के लिए लगाया गया है।

 

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