
लखनऊ: कृषि कानूनों की वापसी समेत कई मांगों को लेकर एक साल से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने लखनऊ में सोमवार को किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) बुलाई है। किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए देश भर से किसान लखनऊ पहुंच रहे हैं। पुलिस ने सुरक्षा को लेकर भारी इंतजाम किए हैं।
किसान महापंचायत सुबह 10 बजे से शुरू होगा। किसान नेता राकेश टिकैत दोपहर 1 बजे महापंचायत को संबोधित करेंगे। महापंचायत में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और लखीमपुर खीरी हिंसा पर मंथन होगा। महापंचायत में आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। इसके बाद 26 नवंबर को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की बैठक होगी।
जारी रहेगा आंदोलन
तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की केंद्र की घोषणा के बावजूद किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाला कानून नहीं बनाती है और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त नहीं करती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र लिखकर छह मांग पूरा करने को कहा है। किसानों का कहना है कि सभी मांगें पूरा होने पर ही वे दिल्ली की सीमाओं से हटेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार को तुरंत किसानों से वार्ता बहाल करनी चाहिए।
ये हैं किसानों की मांगें
1. न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी कृषि उपज पर, सभी किसानों का कानूनी हक बनाया जाए। देश के हर किसान को अपनी पूरी फसल पर कम से कम सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी मिले।
2. सरकार द्वारा प्रस्तावित "विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक, 2020/2021" का ड्राफ्ट वापस लिया जाए।
3. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे जुड़े क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अधिनियम, 2021 में किसानों को सजा देने का प्रावधान हटाया जाए।
4. दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और अनेक राज्यों में हजारों किसानों को किसान आंदोलन के दौरान सैकड़ों मुकदमों में फंसाया गया है। इन केसों को तत्काल वापस लिया जाए।
5. लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार और सेक्शन 120B के अभियुक्त अजय मिश्रा टेनी खुले घूम रहे हैं। वह मंत्रिमंडल में मंत्री बने हुए हैं। उन्हें बर्खास्त और गिरफ्तार किया जाए।
6. किसान आंदोलन के दौरान अब तक लगभग 700 किसान शहादत दे चुके हैं। उनके परिवारों के मुआवजे और पुनर्वास की व्यवस्था हो। शहीद किसानों की स्मृति में एक शहीद स्मारक बनाने के लिए सिंधू बॉर्डर पर जमीन दी जाए।
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