UP News: माफिया मुख्तार अंसारी पर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, लखनऊ में 3 करोड़ की अवैध संपत्ति की हुई कुर्की

रविवार को लखनऊ पहुंची आजमगढ़ पुलिस ने 2014 से जुड़े एक मामले में माफिया मुख्तार अंसारी पर बड़ी कार्रवाई की। लखनऊ के विधानसभा मार्ग पर मुख्तार की ओर से अवैध रूप से खरीदी गई 194 वर्ग मीटर की अवैध संपत्ति (illegal property) कुर्क की गईं। कुर्क की गई जमीन की सर्किल रेट के अनुसार कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपये है। वहीं, सामान्य बाजार कीमत करीब तीन करोड़ रुपये बताई जा रही है। 

Pankaj Kumar | Published : Nov 21, 2021 3:10 PM IST

लखनऊ: यूपी की बांदा जेल में बंद IS 191 इंटर स्टेट गैंग के लीडर मुख्तार अंसारी(Mukhtar Ansari) की रविवार को लखनऊ में बनी 3 करोड़ से अधिक की जमीन कुर्क की जाएगी। आजमगढ़ पुलिस(Azamgarh police)  ने तरवां थाने में मुख्तार के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट(gangster act) में दर्ज मुकदमे के तहत यह कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान लखनऊ जिला प्रशासन(Lucknow District Administration) से तहसीलदार सदर, तहसीलदार एलडीए, इंस्पेक्टर हुसैनगंज अजय कुमार सिंह और आजमगढ़ स्वाट टीम प्रभारी एवं मामले के विवेचक प्रशांत कुमार श्रीवास्तव मौजूद रहे। कुर्क की गई जमीन की सर्किल रेट के अनुसार कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपये है। वहीं, सामान्य बाजार कीमत करीब तीन करोड़ रुपये बताई जा रही है। 

2014 से जुड़े मामले में हुई कुर्की की कार्रवाई

2014 में आजमगढ़ जिले के तरवां थाना क्षेत्र के एराखुर्द में सड़क निर्माण( Road Construction) के दौरान हुई गोलीबारी के मामले में बाहुबली मुख्तार अंसारी सहित 11 लोग आरोपी हैं। इस घटना में एक मजदूर की मौत हो गई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी के ऊपर षडयंत्र रचने का आरोप लगा था। मुख्तार के साथ इस मामले में राजेन्द्र पासी, श्याम बाबू पासी, हरिकेश यादव, राजेश सिंह, मोहन पासी, राजन पासी, अभिलेष मिश्र, पंकज यादव, उमेश सिंह और अनुज कनौजिया शामिल थे। आजमगढ़ पुलिस अनुज कनौजिया के घर की भी कुर्की कर चुकी है। इसके बाद रविवार को लखनऊ पहुंचकर आजमगढ़ पुलिस ने कुर्की की कार्रवाई की। 

2007 में मुख्तार ने पत्नी के नाम से खरीदी थी जमीन 

अधिकारियों के मुताबिक, मुख्तार अंसारी ने 22 अगस्त 2007 को राजधानी लखनऊ में 194 वर्ग मीटर जमीन विधानसभा मार्ग पर अपनी पत्नी के नाम से अवैध तरीके से खरीदी थी। जमीन नजूल की थी। सुनील चक ने नजूल की इस जमीन का एक हिस्सा मुख्तार अंसारी को बेचा था। कुर्की की कार्रवाई के बाद जमीन पर प्रशासन की ओर से बोर्ड भी लगा दिया गया।

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