सार

उदयपुर के खेरवाड़ा से विधायक दयाराम परमार ने पत्र जारी कर सीएम से पूछा है कि मंत्री बनने के लिए विशेष काबिलियत क्या है?

जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नए मंत्रिमंडल का शपथग्रहण कार्यक्रम रविवार को हुआ। कुल 15 मंत्रियों ने शपथ ली। इस फेरबदल के बाद सियासी घमासान छिड़ गया है। मंत्री पद ना मिलने से कुछ विधायक नाराज हैं। कुछ नाराज विधायकों ने मुख्यमंत्री का व्हाट्सएप ग्रुप भी छोड़ दिया है। वहीं, कुछ सवाल उठा रहे हैं। 

उदयपुर के खेरवाड़ा से विधायक दयाराम परमार ने पत्र जारी कर सीएम से पूछा है कि मंत्री बनने के लिए विशेष काबिलियत क्या है? कृपया बताने की कृपा करें। कांग्रेस विधायक दयाराम ने कहा कि मंत्रिमंडल गठन के बाद ऐसा लगता है कि मंत्री बनने के लिए कोई विशेष योग्यता की आवश्यकता होती है। हमें बताने की कृपा करें कि विशेष काबिलियत क्या है? ताकि उसको हासिल करके भविष्य में मंत्री बनने की कोशिश की जा सके।


नए कैबिनेट मंत्री

हेमाराम चौधरी: हेमाराम चौधरी गुड़ामालानी सीट से विधायक हैं। वह 6 बार विधायक रहे हैं। जाट समाज से आते हैं। इन्हें सचिन पायलट का करीबी माना जाता है।

महेंद्रजीत सिंह मालवीय: महेंद्रजीत सिंह बागीदौरा सीट से विधायक हैं। इससे पहले भी ये मंत्री रह चुके हैं। अनुसूचित जनजाति से आते हैं। वह राजस्थान कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी हैं।

रामलाल जाट: रामलाल जाट पहले भी मंत्री रह चुके हैं। वह मांडल सीट से विधायक हैं। जाट समाज से आने वाले रामलाल चौथी बार विधायक चुने गए हैं। 

महेश जोशी: महेश जोशी हवामहल विधानसभा सीट से तीन बार के विधायक हैं। ये ब्राह्मण समाज से आते हैं। महेश जोशी कांग्रेस के मुख्य सचेतक हैं। राजस्थान कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष रह चुके हैं।

विश्वेन्द्र सिंह: विश्वेन्द्र सिंह डीग-कुम्हेर सीट से विधायक हैं। कांग्रेस से पहले बीजेपी में थे। भरतपुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद भी हैं। पिछली दो बार से डीग-कुम्हेर सीट से विधायक हैं।

रमेशचंद्र मीणा: रमेशचंद्र मीणा सपोटरा सीट से विधायक हैं। मीणा समाज से आते हैं। पिछले दो बार के विधायक हैं। ये करौली जिले से आते हैं। माना जाता है कि रमेशचंद्र मीणा सचिन पायलट के करीबी हैं। 2008 में बसपा से जीते, फिर कांग्रेस की सरकार बनने के बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में मंत्री बने। पायलट खेमे के बगावत के बाद मंत्री पद से बर्खास्त किया गया था।

ममता भूपेश बैरवा: ममता भूपेश बैरवा को राज्यमंत्री से प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। ये सिकराय सीट से विधायक हैं। ममता भूपेश बैरवा अनुसूचित समाज से आती हैं। पहले भी गहलोत सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। 

भजनलाल जाटव: पहले से कृषि राज्य मंत्री के पद पर काम कर रहे भजनलाल जाटव को फिर से मंत्रिमंडल में जगह मिली है। राज्यमंत्री से अब कैबिनेट मंत्री के तौर पर प्रमोट किया गया है। भजनलाल वैर सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। ये अनुसूचित जाति से आते हैं। 

टीकाराम जूली: राजस्थान के अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में आने वाले टीकाराम जूली राज्यमंत्री के तौर पर मंत्रिमंडल में जगह बनाए हुए थे। अब कैबिनेट विस्तार में उन्हें प्रमोट किया गया है। जूली के पास पहले श्रम विभाग की जिम्मेदारी थी। ये अलवर ग्रामीण सीट से विधायक हैं।

गोविंद राम मेघवाल: मास्टर भंवर लाल मेघवाल के निधन के बाद कैबिनेट में कोई दलित मंत्री नहीं था। ऐसे में गोविंद राम मेघवाल, महेंद्रजीत सिंह मालवीय और ममता भूपेश को कैबिनेट में शामिल किया गया है। गोविंद राम मेघवाल खाजूवाला सीट से विधायक हैं। ये पहले बीजेपी का हिस्सा भी रह चुके हैं। दूसरी बार के विधायक हैं।

शकुंतला रावत: अलवर के बानसूर सीट से आने वाली शकुंतला रावत राजस्थान महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी हैं। इसके अलावा ये राजस्थान प्रदेश कांग्रेस की पूर्व सचिव भी हैं।

 

ये बने राज्यमंत्री

जाहिदा खान: जाहिदा खान कामां से विधायक हैं। दूसरी बार मंत्री बनी हैं। अशोक गहलोत खेमे की मानी जाती हैं। 

राजेंद्र सिंह गुढ़ा: राजेंद्र सिंह गुढ़ा उदयपुरवाली से विधायक हैं। वह पर्यटन मंत्री रह चुके हैं और गहलोत खेमे से हैं। 

मुरारीलाल मीणा: मुरारीलाल मीणा दौसा से विधायक हैं। मीणा सचिन पायलट खेमे से हैं। पहले भी मंत्री रह चुके हैं। 

बृजेंद्र सिंह ओला: पायलट समर्थक ओला शेखावाटी के बड़े जाट नेता हैं। ये पहले भी मंत्री रह चुके हैं। ये झुंझनू सीट से विधायक हैं। ये सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार जीत चुके हैं।
 

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