कुशीनगर में शादी की खुशियां कुछ ही पलों में गम तब्दिल हो गईं। कुशीनगर में हल्दी की रस्म में कुआं पूजन के दौरान हुए हादसे में अब तक 13 की मौत हो चुकी हैं। अचानक स्लैब टूटते ही कई जिन्दगी समाप्त हो गई। उसमें 9 बच्चियां और 4 महिलाएं हैं।
अनुराग पाण्डेय
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मंडल में पड़ने वाला जिला कुशीनगर में शादी की खुशियां कुछ ही पलों में गम तब्दिल हो गईं। कुशीनगर में हल्दी की रस्म में कुआं पूजन के दौरान हुए हादसे में अब तक 13 की मौत हो चुकी हैं। इसमें 9 बच्चियां और 4 महिलाएं हैं। जब हादसा हुआ उसके चंद सेकंड्स पहले तक वहां खुशी का माहौल था। महिलाएं नाच-गा रहीं थीं। नाचते-गाते कुछ महिलाएं कुएं की स्लैब पर चढ़ गई। उनकी देखादेखी कुछ बच्चियां भी चढ़ गईं। कमजोर स्लैब वजन सह नहीं पाई और टूट गई।
जिस घर में शादी थी, वहां के लोगों ने बताया कि बुधवार की रात महिलाएं नाचते-गाते हल्दी की रस्म मटिकोड़वा निभाने के लिए निकलीं। रास्ते में खूब नाच-गाना हुआ। साथ में बच्चियां भी ढोल-मजीरा की घुन पर थिरक रही थीं। हमारे यहां लड़के के घर की महिलाएं शादी की रस्म की तरह मंदिर, कुएं सहित मुख्य स्थानों पर रास्ता बनाने की रस्म अदायगी करती हैं। जिससे बारात लड़की के घर बगैर किसी अवरोध के पहुंचे और वधू बिना किसी मुसीबत के घर आ सके। उन्हें क्या पता था, जिसके लिए वे रास्ता बना रही हैं, उस लड़की को वह कभी देख नहीं पाएंगी। इतना बड़ा हादसा हो जाएगा यह किसी ने सोचा नहीं था।
कुएं में गिर गईं 25 महिलाएं और बच्चियां
लोगों ने बताया कि घर से निकली महिलाएं गांव निवासी श्रवण के दरवाजे पर स्थित कुएं पर पहुंचीं। इस दौरान नाच-गाने में महिलाएं मस्त थीं। कुआं पूजन के दौरान कुछ महिलाएं ढोल और मजीरा लेकर कुंए की स्लैब पर चढ़ कर नाचने लगीं। उनके साथ में मौजूद बच्चियां भी स्लैब पर चढ़ गईं और कूद-कूद कर थिरकने लगीं। कुआं की स्लैब ही डीजे की फ्लोर बन गई। स्लैब के ऊपर 35 लोग से अधिक नाचा-गाना करने लगे। स्लैब 35 लोगों के वजन को संभाल नहीं सका और अचानक टूट गई। इसमें स्लैब पर चढ़ी 10 बच्चियां और महिलाएं तो इधर-उधर कूद गईं। लेकिन करीब 25 महिलाएं और बच्चियां कुएं के अंदर गिर गईं। अंधेरा इतना था कि कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। 5 मिनट तक तो सिर्फ चीख-पुकार आती रहीं। फिर आसपास के लोग दौड़कर आए। कुछ कुएं में कूदे तो कुछ ने रस्सियां फेंकी। लेकिन तब तक 5 लोगों की मौत हो गई। बाकी, 8 लोगों को जब कुएं से निकाला गया था तो उनके शरीर में हरकत थी। हॉस्पिटल पहुंचने में लेट होने के कारण उनकी मौत हो गई।
एबुंलेस को 87 पर हुआ फोन
लोगों ने 87 बार एबुंलेस को फोन किया। उसके बाद करीब 2 घंटे के बाद एंबुलेंस हादसे वाले स्थान पर पहुंची। उससे पहले पुलिस पहुंच गई थी। पुलिस की जिप्सी में ही घायलों को हॉस्टिल पहुंचाया गया, लेकिन देर होने की वजह से जिंदा नहीं बचाया जा सका। अब जिस घर में शादी होनी थी, वहां पर शव रखे गए हैं। खुशी मातम में बदल गई है।