बीजेपी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से गायब हुआ अजय मिश्रा टेनी का नाम, जानिए क्या है वजह

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी का नाम गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से गायब है। माना जा रहा है कि तिकुनिया कांड की वजह से यह किया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 16, 2022 8:09 AM IST

लखीमपुर खीरी: बीजेपी विधायक अरविंद गिरी की हार्टअटैक से मौत के बाद गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। 139 विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को मतदान होगा। इससे पहले बीजेपी ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 40 नेताओं का नाम शामिल है। हालांकि लखीमपुर खीरी से सांसद और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी का नाम इस लिस्ट से गायब है। 

स्टार प्रचारकों की लिस्ट को मिल गई मंजूरी 
बीजेपी की ओऱ से लिस्ट में सीएम योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह को स्टार प्रचार बनाया गया है। इसी के साथ लिस्ट में कुल 40 नाम शामिल है। इस लिस्ट को मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी मंजूरी दे दी है। गौर करने वाली बात है कि लखीमपुर खीरी के धरौहरा से सांसद रेखा वर्मा का नाम तो स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल है लेकिन अजय मिश्रा टेनी का नाम गायब है। जानकार बताते हैं कि तिकुनिया हिंसा कांड की वजह से ही उनका नाम इस लिस्ट से दूर रखा गया है। पार्टी नहीं चाहती है कि उपचुनाव में कोई नया विवाद सामने आए जिसका खामियाजा भुगतना पड़े। 

2024 के चुनाव को लेकर भी लगाए जा रहे कयास
गौरतलब है कि तिकुनिया में पिछले 3 अक्टूबर को किसान आंदोलन के दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की गाड़ी से किसानों की मौत हो गई थी। इस मामले में अभी भी आशीष मिश्रा जेल में बंद है। गोला गोकर्णनाथ के चुनाव में स्थानीय समीकरणों के मद्देनजर ही केंद्रीय गृह राज्यमंत्री का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट से बाहर रखा गया है। वहीं 2024 में संसदीय चुनाव में अजय मिश्रा टेनी के खीरी संसदीय सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर भी लोगों के कयासों का दौर जारी है। माना जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर जितिन प्रसाद इस सीट से प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं। जितिन प्रदास का खीरी में अच्छा दबदबा है और वह ब्राह्मण वोटों पर पकड़ भी रखते हैं। इसी के साथ अन्य बिरादरी और मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी लोग उनको पसंद करते हैं। 

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