मुख्य गवाह और भाकियू जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह पर हत्या के मामले में गनर पर गाज गिरी है। गनर को सस्पेंड कर दिया गया है। उस पर बिना बताए छुट्टी पर जाने पर कार्रवाई की गई है।
लखीमपुर खीरी: भाकियू जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह पर हुए हमले के बाद उनके गनर की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उनकी सुरक्षा में तैनात गनर उस वक्त दिलबाग सिंह के साथ मौजूद ही नहीं था जब उनकी कार पर गोलियां बरसाई गईं। मामले में पुलिस की ओर से दावा किया जा रहा है कि उसे खुद दिलबाग ने ही छुट्टी दी थी। हालांकि इश बीच एसपी संजीव सुमन ने गनर विकास चौधरी को लापरवाही के बाद सस्पेंड कर दिया है।
बेटे की तबियत खराब होने पर छुट्टी पर गया था गनर
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार की देर शाम को दिलबाग सिंह की सुरक्षा में लगा गनर बेटे की तबियत खराब होने की जानकारी देकर गोला चला गया। इसके बाद दिलबाग अपनी ब्रीजा कार से दो साथियों जितेंद्र और विपिन को छोड़ने के लिए भदेड़ गांव के लिए निकले। जहां से वापस आने के दौरान उनपर जानलेवा हमला हुआ।
छुट्टी के लिए नहीं किया गया नियमों का पालन
इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार की ओर से जानकारी दी गई कि नियमतः छुट्टी की आवश्यकता होने पर उसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जानी चाहिए थी। ऐसी परिस्थिति में दिलबाग सिंह को दूसरा गनर मुहैया कराया जाता। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। इसे घोर अनुशासनहीनता और लापरवाही माना जाता है। लिहाजा उन्हें सस्पेंड किया जा रहा है। इसी के साथ मामले में विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। एएसपी अरुण कुमार सिंह की ओऱ से जानकारी दी गई कि खीरी जनपद में 70 से भी अधिक गवाहों को सुरक्षा मुहैया करवाई गई है।
वहीं दिलबाग सिंह पर हुए हमले के मामले में पुलिस टीम जांच में जुटी हुई है। पुलिस का कहना है कि हमले में शामिल लोगों को जल्द ही सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा।