यूपी का एक ऐसा मंदिर जहां गिद्ध के जोड़े की पूजा करने से पूरी होती है मन की मुराद

यूपी के जिले लखीमपुर में एक ऐसा मंदिर हैं, जहां गिद्ध के जोड़े की पूजा करने से मन की सारी मुराद पूरी हो जाती है। सालों से चली आ रही इस पंरपरा को लोग मानते चले आ रहे है। इतना ही नहीं इस मंदिर को गिद्ध सती मंदिर के नाम से आसपास के इलाकों में प्रसिद्ध है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 22, 2022 4:01 AM IST / Updated: Sep 22 2022, 10:14 AM IST

लखीमपुर: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ऐसे मंदिर है कि हर जगह की अलग-अलग कहानी और मान्यताएं हैं। इसी तरह से यूपी के जिले लखीमपुर में एक ऐसा मंदिर भी हैं जहां की मान्यता है कि यहां पर मांगी हर मांग पूरी होती है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि यहां पर मन्नत किसी देवी या देवता की पूजा करने के बाद नहीं बल्कि गिद्ध के जोड़े की पूजा करने के बाद पूरी होती है। शहर में पिछले आठ साल से इस मंदिर की यह मान्यता चली आ रही है। इस मंदिर को लोग गिद्ध सती मंदिर के नाम से पुकराते है और इसी नाम से यह मंदिर पूरी इलाके में चर्चित है। 

बसंत पंचमी में मंदिर के प्रागंण में लगता है मेला
जानकारी के अनुसार यह मंदिर जिला मुख्यालय से करीब दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित विकास खंड नकहा के कोठीला ग्राम पंचायत में 60 साल पहले एक मंदिर का निर्माण ग्रामीणों ने कराया था। इस मंदिर में दो मूर्तियां स्थापित हैं। यह मूर्तियां किसी देवी-देवताओं की नहीं बल्कि गिद्ध के जोड़े की हैं। इस मंदिर में हर रोज बड़ी संख्या में लोग आकर पूजा पाठ करते है और अपनी मन्नतें मांगते हैं। ग्रामीणों के अनुसार यहां पर मांगी कोई भी मुराद जरूर पूरी होती है। इतना ही नहीं मंदिर के प्रांगण में हर साल बसंत पंचमी से एक महीने का मेला भी लगता है, जिसमें दूर-दूर से लोग आते हैं।

गिद्ध जोड़े की अनोखी प्रेम कहानी
ग्रामीणों के अनुसार पिछले 60 साल पहले गांव के कुछ दूरी पर नहर के किनारे एक पशु की मौत हो गई थी। जिसको खाने के लिए गिद्धों का झुंड आया था। उस पशु का मांस खाने के बाद सभी गिद्ध उड़ गए लेकिन एक गिद्ध की मौत हो गई थी। गिद्ध की मौत के बाद एक मादा गिद्ध भी वहीं मौजूद रही और कुछ दिन बाद ही खाना पीना छोड़ चुकी मादा गिद्ध की भी मौत हो गई। गांव वालों का कहना है कि वह मादा गिद्ध मृत गिद्ध के शव के पास बैठी रहती थी। बिना खुछ खाए ही वह वहां से थोड़ी दूर नहर में जाकर स्नान करती थी और फिर लौटकर मृत गिद्ध के शव के पास आकर बैठ जाती। यह सिलसिला कुछ दिनों तक चलता रहा और करीब दस दिनों के बाद मादा गिद्ध ने भी अपने प्राण त्याग दिए।

गांव वालों ने बनवा दिया भव्य मंदिर
गिद्ध जोड़े की प्रेम कहानी इलाके के हर बुजुर्ग और जवान की जुबान पर रटी हुई है। दोनों मृतक गिद्ध की मौत के बाद विधि विधान से गांव के पास ही अंतिम संस्कार कर दिया। इसके साथ ही छोटा मंदिर भी बना दिया और यहां पर दोनों गिद्ध की मूर्तियां रखा दी गई। धीरे-धीरे यहां काफी लोग श्रद्धा भाव से आने लगे। उसके बाद गांव वालों ने भव्य मंदिर का निर्माण करवा दिया। इस समय मंदिर कमेटी के अध्यक्ष गांव के रंजीत कुमार वर्मा है। वहीं शिवपुर गांव के उत्तम शुक्ला इस मंदिर के पुजारी है। इस मंदिर की दिलचस्प बात यह है कि रविवार के दिन ज्यादा श्रद्धालु आकरक पूजा अर्चना करते हैं और अपनी मन्नते मांगते हैं।

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