लखीमपुर: तिकुनिया कांड के आरोपी आशीष मिश्रा ने किया सरेंडर, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की थी जमानत

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा ने रविवार को सरेंडर किया। सुप्रीम कोर्ट की ओर से उनकी जमानत को रद्द कर दिया गया था। जिसके बाद उन्हें सरेंडर करने के लिए 25 अप्रैल तक का समय दिया गया था। हालांकि इससे पहले ही उन्होंने रविवार को सरेंडर कर दिया। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 24, 2022 11:07 AM IST / Updated: Apr 24 2022, 04:38 PM IST

लखीमपुर: उत्तर प्रदेश में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा ने लखीमपुर की निचली अदालत में सरेंडर कर दिया। लखीमपुर पुलिस ने आशीष मिश्रा के सरेंडर किए जाने का के बाद उन्हें जेल भेज दिया। आशीष मिश्रा को जमानत हाईकोर्ट की ओर से दी गई थी। हालांकि इसे सुप्रीम कोर्ट की ओर से रद्द कर दिया गया था। 

25 अप्रैल तक करना था सरेंडर
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे की जमानत को रद्द करने के साथ ही एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने के लिए कहा था। आशीष मिश्रा को 25 अप्रैल तक का समय सरेंडर करने के लिए दिया गया था। हालांकि उन्होंने उससे पहले ही 24 अप्रैल को रविवार को सरेंडर कर दिया। आशीष मिश्रा ने सीजेएम कोर्ट में पहुंचकर वहां सरेंडर किया। 

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भीड़भाड़ से बचने के लिए रविवार को किया सरेंडर
ज्ञात हो कि आशीष मिश्रा की जमानत को रद्द करने के साथ ही कोर्ट ने तल्ख टिप्पणियां भी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आशीष मिश्रा 25 अप्रैल से पहले सरेंडर करें। जिसके बाद कल यानी की 25 अप्रैल को समय समाप्ति से पहले ही उन्होंने सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

दरअसल 25 अप्रैल को सोमवार का दिन है और इसी के साथ उस दिन कोर्ट में भीड़भाड़ भी रहती है। ऐसे में माना जा रहा है कि भीड़भाड़ से बचने के लिए ही आशीष मिश्रा ने रविवार को वहां पहुंचकर सरेंडर कर दिया है। आशीष किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर के तिकुनिया कांड के मुख्य आरोपी है। 

ज्ञात हो कि आशीष मिश्रा को जमानत हाईकोर्ट की ओर से दी गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने बीते सोमवार उसे रद्द कर दिया था। इसी के साथ एक सप्ताह का समय आशीष मिश्रा को सरेंडर करने के लिए दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति हिमा कोहली की विशेष पीठ की ओर से यह आदेश दिया गया था। कोर्ट ने मामले में हाईकोर्ट से अपने फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए भी कहा था। 

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