वकील को बिल्कुल जिंदा नहीं देखना चाहते थे हत्यारे, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ बेरहमी से मारने का खुलासा

राजधानी में 7 जनवरी की रात सरेआम हुई वकील की हत्या की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है। साथ ही पुलिस को घटना स्थल का सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिसमें 5 आरोपी वकील को बेरहमी से पीटते नजर आ रहे हैं। ​पुलिस ​ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य की तलाश में पुलिस टीमें गठित की गई हैं।

लखनऊ (Uttar Pradesh). राजधानी में 7 जनवरी की रात सरेआम हुई वकील की हत्या की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है। साथ ही पुलिस को घटना स्थल का सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिसमें 5 आरोपी वकील को बेरहमी से पीटते नजर आ रहे हैं। ​पुलिस ​ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य की तलाश में पुलिस टीमें गठित की गई हैं।

क्या है पूरा मामला
कृष्णानगर थाना क्षेत्र के दामोदरनगर के रहने वाले शिशिर त्रिपाठी पेशे से वकील थे। मंगलवार यानी 7 जनवरी की रात वो अपने घर लौट रहे थे। दामोदर नगर चौराहे पर विनायक नाम के शख्स ने अपने चार साथियों के साथ मिलकर उन्हें रोक लिया। विनायक और शिशिर में किसी पुराने मामले को लेकर बहस होने लगी। इस पर पांचों ने वकील पर हमला बोल दिया। बेरहमी से पीटने के बाद चाकू मार दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

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क्या कहती है पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट 
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, वकील के सिर-गर्दन व चेहरे पर ब्लेड से 13 वार किए गए। बायां कान कट गया जबकि सिर पर 4, जबड़े पर 2, गर्दन के आगे और पीछे 3-3 वार किए गए। हाथ-पैरों पर डंडे से मार के निशान थी मिले।

मृतक के पिता ने कही ये बात
मृतक के पिता गोपीचंद्र त्रिपाठी ने कहा- शाम पांच बजे एक लड़का बेटे को अपने साथ ले गया था। उसके बाद वह घर नहीं लौटा। उसकी हत्या की सूचना मिली। उन्होंने मोनू नाम के शख्स पर हत्या का आरोप लगाते हुए कहा, मोनू गांजा बेचता है। उसने उधार लिया था। लेन देन के कारण विवाद हुआ। बेटा मोनू के काले कारोबार का भंडाफोड़ करने वाला था।

पुलिस ने कही ये बात
एसपी कलानिधि नैथानी ने कहा, मामले में लापरवाही के आरोप में कृष्णा नगर के इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। आरोपी विनायक ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य की तलाश में छापेमारी की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज में नामजद आरोपी उपेंद्र तिवारी उर्फ मोनू, विनायक ठाकुर, धीरज कुमार, मुस्तफा और शुभम यादव मिलकर शिशिर को मारते हुए नजर आ रहे हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि विनायक और एक अन्य नामजद वकील मोनू के साथ शिशिर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता थे। कुछ समय से इनमें किसी बात को लेकर अनबन चल रही थी।

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