
रायबरेली: जिला अस्पताल में जहरीली गैस के रिसाव के चलते अफरा-तफरी मच गई। इस बीच मरीजों के दम घुटने के साथ नाक, गले और आंखों में जलन की बात सामने आई। मरीज और तीमारदारों के साथ पैरामेडिकल स्टाफ भी इस दौरान बचाव के लिए इधर-उधर भागता नजर आया। चिकित्साकर्मियों ने आनन-फानन में किसी तरह से मरीजों को बाहर निकाला। मामले की जानकारी मिलने के बाद आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
गैस लीक की जानकारी लगते ही भागने लगे तीमारदार
आपको बता दें कि दोपहर तकरीबन ढाई बजे अस्पताल के हड्डी वार्ड व बर्न वार्ड के आसपास दम घुटने वाली गैस का रिसाव होने लगा। जब तक मरीज या तीमारदार कुछ समझ पाते उससे पहले ही आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। सूचना मिलने के बाद डॉ. अल्ताफ हुसैन मौके पर पहुंचे और हालात बिगड़ता देख मरीजों को बाहर निकलवाना शुरू करवाया गया। जैसे ही जहरीली गैस के रिसाव की खबर अन्य वार्डों के मरीजों तक गई तो उनके तीमारदारों में भी भगदड़ मच गई। लोग अपने-अपने मरीजों को बाहर निकालने की गुहार वहां पर लगाने लगे।
जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे
मामले की जानकारी पर जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी, सिटी मजिस्ट्रेट पल्लवी मिश्रा, सीओ सिटी वंदना सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुरेंद्र कुमार चौबे और सीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। काफी देर तक तलाश की जाती रही की रिसाव कहां से हो रहा है। फिलहाल टीम गैस की प्रकृति, नाम और स्रोत को लेकर पड़ताल में जुटी हुई है। हालांकि इस बीच स्वास्थ्यकर्मियों की सतर्कता के चलते बड़ा हादसा टल गया। बर्न वार्ड और हड्डी वार्ड के साथ ही ऊपर बच्चों का वार्ड भी था। यहां 40-50 मरीजों के भर्ती होने की बात सामने आ रही है। लोगों ने बताया कि गैस रिसाव के बाद चेहरे, गले और आंखों में जलन होने लगी। यदि कुछ और देर रोगियों को बाहर न निकाला जाता तो बड़ी घटना हो सकती थी।
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