पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुए नरसंहार को हिंदू और मुस्लिम संगठनों के लोगों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। विश्व हिंदू परिषद( VHP) ने जहां घटना को गोधरा कांड की तरह षड्यंत्र बताया है, और संतों ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की है। दूसरी तरफ मंदिर /मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने आरोपियों को उम्र कैद की सजा देने की मांग की है।
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुए नरसंहार को हिंदू और मुस्लिम संगठनों के लोगों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। विश्व हिंदू परिषद( VHP) ने जहां घटना को गोधरा कांड की तरह षड्यंत्र बताया है, और संतों ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की है। दूसरी तरफ मंदिर /मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने आरोपियों को उम्र कैद की सजा देने की मांग की है। कहा है पूरे मामले को हिन्दू- मुस्लिम से नही बल्कि इंसानियत से जोड़कर देखा जाना चाहिए। जिसने भी जघन्य अपराध किया है उसे सख्त से सख्त सजा देकर समाज में एक संदेश देने की जरूरत है।
पश्चिम बंगाल में हिंदू,आतंकवाद और हिंसा का हो रहे शिकार
विश्व हिंदू परिषद (VHP )के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हिंदुओं को जिंदा जला कर मारना वर्ष 2002 के गोधरा कांड की याद दिलाता है। पूरा घटनाक्रम उसकी पुनरावृत्ति है। उन्होंने कहा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के रहते हिंदू सुरक्षित नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार से राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की है। उन्होंने घटना को अंजाम देने वाले लोगों की तुलना आतंकवादियों से करते हुए कहा वहां लोग जलाए जा रहे थे और स्थानीय लोग तमाशा देख रहे थे। लोगों का दिल भी नही पसीजा। संत समाज के लोग जैसे रामकचेहरी चारो धाम के महंत शशिकांत दास, हनुमान गढ़ी के प्रधान पुजारी रमेश दास, रंग महल के महंत राम शरण दास आदि लोगों ने कहा पश्चिम बंगाल में हिंसा और आतंक का स्वरूप निरंतर भयवाह होता जा रहा है। हिन्दू लगातार आतंक के शिकार हो रहे हैं। जिस प्रकार पूर्व में कश्मीर से हिन्दुओं की जघन्य हत्या कर भगाया गया ठीक वैसा ही वातावरण बंगाल में बनाया जा रहा है।
देश मे नफरत फैलाने वाले लोगों पर हो सख्त कार्रवाई
मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने नफरत फैलाने वाले लोगों पर सरकार सख्त कार्रवाई करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा इस तरह की घटनाओं से देश का हर तरह से नुकसान होता है। कहा भारत देश में एक कानून का राज होना चाहिए। पश्चिम बंगाल के पूरे मामले को हिंदू और मुस्लिम से जोड़कर नही देखना चाहिए बल्कि इसे हैवानियत की संज्ञा देने की जरूरत है। इसलिए इस मामले में जो भी दोषी हो उन्हें कम से कम उम्र कैद की सजा जरूर मिलनी चाहिए। जिससे लोग सबक लेकर दोबारा घटना करने से डरें।