
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में ट्रिपल तलाक का मामला सामने आया है। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि मनचाहा दहेज न मिलने पर शादी के एक साल बाद ही पति ने मायके भेज दिया था। इसके बाद जर्मनी में रह रहे शौहर ने अपनी पत्नी को पत्र लिखकर तीन बार तलाक दे दिया। इसके साथ ही यह लिखा कि अब उनका उनसे कोई रिश्ता नहीं है। यह देखकर पत्नी दंग रह गई। पीड़ित पत्नी और उसके परिजनों ने ससुराल में जाकर काफी मिन्नतें भी लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
शादी के बाद ही महिला को कर रहे थे परेशान
ससुराल जाने के बाद जब कोई नतीजा नहीं निकला तो विवाहिता ने विभूतिखंड थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। फिलहाल पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है। पुलिस के अनुसार, विक्रांतखंड निवासी महिला की शादी 4 फरवरी 2021 को नवी मुंबई निवासी करीम मकबूल से हुई थी। पीड़ित महिला ने बताया कि शादी के समय करीब 12 लाख 50 हजार रुपए खर्च किए गए थे। लेकिन जब वह विदा होकर ससुराल पहुंची तो पहले दिन से ही उसे कम दहेज के ताने मिलने लगे थे। लेकिन वह यह सब नजरअंदाज कर ससुराल में ही रहती रही।
उसने आगे बताया कि पति करीम मकबूल के साथ सास-ससुर भी अपशब्द कहते थे। अगर वो कोई भी आपत्ति करती तो उसे पीटा जाता था। पीड़ित महिला ने आगे बताया कि शादी के कुछ दिनों बाद ही करीम मकबूल नौकरी करने जर्मनी चला गया था। पति मकबूल के जाने के बाद भी उसके माता-पिता की प्रताड़ना दिन प्रतिदिन बढ़ती गई। जबरन मायके भेज दिया।
महिला के परिवार ने रिश्तों को बचाने की कोशिश
जर्मनी से 16 अप्रैल को महिला को एक खत मिला जो पति की तरफ से ही आया था। खत में करीम मकबूल ने महिला से रिश्ता तोड़ते हुए तलाक की बात लिखी थी। जिसे देखते ही महिला सदमे में चली गई। परिवार वालों ने बेटी को हालत को देखते हुए खत पढ़ा तो उनको भी इसका पता चला। उसके बाद अपनी बेटी का रिश्ता बचाने के कई प्रयास किए लेकिन करीम और उसके परिवार वाले कुछ सुनने को तैयार ही नही थे। प्रभारी निरीक्षक डॉ. आशीष मिश्र के अनुसार, पीड़िता की तहरीर पर करीम मकबूल और उसके मां-बाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
तीन तलाक में आरोपी को मिलती है यह सजा
आपको बता दें कि तीन तलाक कानून के अंतर्गत अगर कोई पति अपनी पत्नी को तीन बार तलाक बोल कर छोड़ देता है तो उसे कानूनन तीन साल की सजा हो सकती है और पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है। बाद में जिसकी सुनवाई मजिस्ट्रेट करेगा। इस कानून का विरोध करने वाले कहते हैं कि अगर तीन तलाक बोलने पर तलाक हुआ ही नहीं तो यह गुनाह कैसे हुआ।
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