मुंबई ब्लास्ट में निभाई जिम्मेदारी, ऐसे हैं लखनऊ और नोएडा के पहले पुलिस कमिश्नर

Published : Jan 13, 2020, 02:34 PM ISTUpdated : Jan 13, 2020, 03:48 PM IST
मुंबई ब्लास्ट में निभाई जिम्मेदारी, ऐसे हैं लखनऊ और नोएडा के पहले पुलिस कमिश्नर

सार

योगी सरकार की सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में लखनऊ और गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में कमिश्नर प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसी के साथ अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) सुजीत पांडेय लखनऊ और अपर पुलिस महानिदेशक(एडीजी) आलोक सिंह को गौतमबुद्धनगर का पहला कमिश्नर बनाया गया है। आज हम आपको बताने जा रहा हैं आखिर कौन हैं ये पहले पुलिस कमिश्नर। 

लखनऊ (Uttar Pradesh). योगी सरकार की सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में लखनऊ और गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में कमिश्नर प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसी के साथ अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) सुजीत पांडेय लखनऊ और अपर पुलिस महानिदेशक(एडीजी) आलोक सिंह को गौतमबुद्धनगर का पहला कमिश्नर बनाया गया है। आज हम आपको बताने जा रहा हैं आखिर कौन हैं ये पहले पुलिस कमिश्नर। 

कौन हैं लखनऊ के पुलिस कमिश्नर 
मूलरूप से बिहार के रहने वाले सुजीत पांडेय 1994 बैच के आईपीएस अफसर हैं। इनका जन्म बिहार की राजधानी पटना में एक अगस्त 1968 को हुआ था। एक जनवरी 2019 को इनका प्रमोशन एडीजी पद के लिए हुआ था। 7 साल तक ये सीबीआई में भी तैनात रहे। इनके पिता नरेंद्र कुमार पांडेय बिहार कैडर में आईएएस अफसर रह चुके हैं। 

सुजीत पांडेय नंदी ग्राम हिंसा और मुंबई ब्लास्ट जैसे कई संवेदनशील मामलों में प्रमुख जिम्मेदारी निभा चुके हैं। यही नहीं, यूपी के 12 जिलों के कप्तान रह चुके हैं। आईजी एसटीएफ की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, सुजीत प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें यूपी से जाने नहीं दिया गया। अनुभव व योग्यता को देखते हुए उन्हें लखनऊ का पहला पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया।

कौन हैं नोएडा के पुलिस कमिश्नर
मेरठ में आईजी जोन के पद पर तैनात आलोक सिंह को नोएडा का पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया है। हाल ही में इनका एडीजी रैंक पर प्रमोशन हुआ है। 1995 बैच के आईपीएस अफसर आलोक सिंह का जन्म 24 जनवरी 1967 को अलीगढ़ में हुआ था। ये विज्ञान, भौतिकी व गणित विषय से स्नातक हैं। मार्केटिंग व फाइनेंस सेक्टर में एमबीए भी किया है।  

इन IPS को बनाया गया आयुक्त और अपर आयुक्त 
सुजीत पांडेय- अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज जोन से पुलिस आयुक्त लखनऊ। 
नवीन अरोड़ा- पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय से संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था), लखनऊ।
नीलाब्जा चौधरी- पुलिस महानिरीक्षक पीएसी मुख्यालय लखनऊ से संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) लखनऊ।
आलोक सिंह- अपर पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक मेरठ परिक्षेत्र से पुलिस आयुक्त गौतमबुद्धनगर।
अखिलेश कुमार- पुलिस उप महानिरीक्षक पीएसी मुख्यालय लखनऊ से अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था), गौतमबुद्धनगर।
श्रीपर्णा गांगुली- पुलिस उप महानिरीक्षक, कारागार प्रशासन एवं सुधार लखनऊ से अपर पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय), गौतमबुद्धनगर।

क्या होता है पुलिस कमिश्नर सिस्टम
पुलिस कमिश्नर सिस्टम में उप पुलिस अधीक्षक (डिप्टी एसपी) से ऊपर जितने अफसर होते हैं, उनके पास मजिस्ट्रेट स्तर की शक्ति होती है। कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों में प्रशासनिक अफसरों का दखल खत्म हो जाएगा। पुलिस को मजिस्ट्रेट की तरह दंगे-फसाद के दौरान लाठीचार्ज, फायरिंग, गिरफ्तारी करने के आदेश देना, धारा 144 लागू करने का अधिकार मिल जाता है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर होने वाले धरना-प्रदर्शन, जुलूस आदि की परमिशन भी कमिश्नर दे सकता है। फिलहाल, ये सभी अधिकार जिला मजिस्ट्रेट के पास होते हैं। बता दें, देश में दिल्ली, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात के कई जिलों में यह प्रणाली लागू है।

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