
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) में इलाज के दौरान नवजात और प्रसूता की मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रसूता और उसके नवजात बच्चे की लापरवाही से जान गई है। महिला के परिजनों ने चौक कोतवाली में मामले की शिकायत दर्ज करवाई है। घरवालों की मांग है कि शव का पोस्टमार्टम करवाया जाए। बताया जा रहा है कि प्रसूता की हालत बिगड़ने के बाद भी डॉक्टरों ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया।
प्रसूता को समय पर नहीं मिला इलाज
डा स्नेहा के पिता सूर्य कुमार ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि बाबूगंज निवासी डॉ स्नेहा बाराबंकी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात थीं। इस दौरान गर्भवती होने पर उनका इलाज क्वीनमेरी में चल रहा था। अचानक से तबियत बिगड़ने पर बीते 20 सितंबर को परिजनों ने स्नेहा को क्वीनमेरी में एडमिट करवाया था। वहीं उनके पति डॉ हरिओम हरदोई में तैनात हैं। परिजनों ने बताया कि इस दौरान स्नेहा की तबियत काफी बिगड़ चुकी थी। लेकिन इसके बाद भी डॉक्टरों ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया।
मृतका के परिजनों के अस्पताल प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप
सूर्य कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी सेवानिवृत्त डॉक्टर हैं। बेटी की तबियत बिगड़ते देख वह डॉक्टरों से बार-बार बेटी का ऑपरेशन करने के लिए बोल रही थीं। लेकिन डॉक्टरों ने उनकी एक न सुनी। हालत ज्यादा बिगड़ने पर बीते रविवार को पहले नवजात और फिर स्नेहा की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि डॉक्टरों ने इलाज के पूरे कागजात भी परिजनों को नहीं दिए हैं। उनका कहना कि यदि उनकी बेटी का समय पर ऑपरेशन किया जाता तो नवजात और प्रसूता दोनों की जान बचाई जा सकती थी। मृतका के पिता ने कहा कि हॉस्पिटल में जूनियर डाक्टरों से इलाज करवाया जाता है।।
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