लखनऊ पूर्वी सीट (Lucknow East Seat) बीजेपी (BJP) की परंपरागत सीट रही है। 1991 से लेकर 2017 तक पूर्व विधानसभा पर बीजेपी का ही कब्जा रहा है। 1991 में भगवती शुक्ला (Bhagwati Shukla) से बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा किया और वर्तमान में प्रदेश सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर आशुतोष टंडन (Ashutosh Tandon) इसी सीट से विधायक हैं। इस सीट में चौथे चरण में 23 फरवरी को वोटिंग हुई।
लखनऊ: योगी सरकार में नगर विकास मंत्री व 2017 में पूर्वी विधानसभा से विधायक रहे आशुतोष टंडन उर्फ गोपाल (Ashutosh Tandon) ने 2022 के लिए भी इसी सीट से नामांकन दाखिल किया। लखनऊ पूर्वी सीट बीजेपी की परंपरागत सीट रही है। 1991 से लेकर 2017 तक पूर्व विधानसभा पर बीजेपी का ही कब्जा रहा है। 1991 में भगवती शुक्ला से बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा किया और वर्तमान में प्रदेश सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर आशुतोष टंडन इसी सीट से विधायक हैं। इस सीट में चौथे चरण में 23 फरवरी को वोटिंग हुई। लखनऊ पूर्वी सीट पर मंत्री आशुतोष टंडन ने जीत दर्ज कर एक बार फिर से कमल खिलाने का काम किया है।
लखनऊ पूर्व विधानसभा में करीब 4,51,408 वोटर हैं। इस सीट पर 65000 ब्राह्मण, 70 हजार क्षत्रिय, 75 हजार दलित, 42000 मुस्लिम, 25000 यादव और 35000 श्रीवास्तव वोटर हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में आशुतोष टंडन ने सपा प्रत्याशी रहे अनुराग भदौरिया को 79, 230 वोटों से हराया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की बात करें तो बीजेपी ने इस पर अपने निवर्तमान विधायक और मंत्री आशुतोष टंडन को ही मैदान में उतारा है। समाजवादी पार्टी से अनुराग भदौरिया मैदान में है।
2012 में कलराज मिश्र बने थे विधायक
उनसे पहले 2012 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर कलराज मिश्र विधायक बने थे। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की कोशिश होगी कि वह इस सीट पर अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखे। वहीं सपा अपनी सीट पर कब्जा जमाने की कोशिश में है।
कितनी संपत्ति के मालिक हैं आशुतोष टंडन
चुनाव आयोग को सौंपे गए शपथ पत्र में आशुतोष टंडन (गोपाल जी) ने अपनी कुल संपत् 8.7 करोड़ रुपए बताई है। इसमें 2 करोड़ रुपए की चल संपत्ति और 6.7 करोड़ करोड़ रुपए की अचल संपत्ति शामिल है। आशुतोष टंडन पर आपराधिक मामलों की बात करें तो उनके ऊपर कुल 4 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
कौन-कौन है मैदान में
भाजपा- आशुतोष टंडन
कांग्रेस- मनोज तिवारी
समाजवादी पार्टी- अनुराग भदौरिया
बसपा- आशीष सिन्हा