नवरात्रि के पहले दिन होती है मां शैलपुत्री की पूजा, सुबह से ही मंदिरों में लगी भक्तों की भीड़

मार्केण्डय पुराण के अनुसार पर्वतराज, यानि शैलराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। इसके साथ ही मां का वाहन बैल होने के कारण इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। माता सती के आत्मदाह के बाद उनका जन्म पर्वतराज हिमालय के घर कन्या के रुप में हुआ था। फिर उनका विवाह भगवान शिव से हुआ। 

Pankaj Kumar | Published : Apr 2, 2022 3:13 AM IST / Updated: Apr 02 2022, 09:07 AM IST

लखनऊ: शनिवार यानी आज से नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। आज नवरात्रि पहला दिन है। इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है। कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं। नवरात्रि के 9 दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा की जाती है। ऐसी  मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की विधिवत पूजा करने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। 

भक्तों की लगी भीड़
नवरात्रि को लेकर माता जी के सभी मंदिरों में सुबह से भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिला रही है। सुबह से ही भक्त दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंच गए थे। कई जहग लंबी लाइन भी देखने को मिली। 

जानिए कौन थी मां शैलपुत्री
मार्केण्डय पुराण के अनुसार पर्वतराज, यानि शैलराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। इसके साथ ही मां का वाहन बैल होने के कारण इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। माता सती के आत्मदाह के बाद उनका जन्म पर्वतराज हिमालय के घर कन्या के रुप में हुआ था। फिर उनका विवाह भगवान शिव से हुआ। 

मां शैलपुत्री गौर वर्ण वाली, श्वेत वस्त्र, बैल पर सवार, हाथों में कमल और त्रिशूल धारण करती हैं। उनकी पूजा करने से व्यक्ति को साहस, भय से मुक्ति, फैसलों पर अडिग रहने, कार्य में सफलता, यश, कीर्ति एवं ज्ञान प्राप्त होता है। विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए भी मां शैलपुत्री की पूजा करती हैं। 

नवरात्रि में पूजा करने का तरीका
नवरात्रि के पहले दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर सफेद कपड़े पहनें। इसके बाद लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गंगा जल  छिड़कें।  अब इसके ऊपर मां शैलपुत्री की प्रतिमा स्थापित करें। यदि आपके मंदिर में मां शैलपुत्री की प्रतिमा अलग से नहीं है तो मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं। मां शैलपुत्री देवी भगवती का ही स्वरूप हैं। 

इस दिन मां को सफेद कपड़े और सफेद फूल चढ़ाना चाहिए। मां को सफेद रंग की मिठाइयों का भोग लगाएं, माता के चरणों में गाय का घी अर्पित करें. इसके बाद मां शैलपुत्री के मंत्रों का 108 बार जाप करें और माता की आरती का पाठ करें। मां को सफेद रंग की चीजें और सफेद रंग की मिठाई प्रिय है, ऐसा करने से मां प्रसन्न रहेंगी। 

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