
LULU Mall Controversy: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लुलु मॉल (LuLu Mall) को लेकर बवाल मचा हुआ है। लखनऊ की सुशांत गोल्फ सिटी में करीब 22 लाख वर्गफीट में 2 हजार करोड़ रुपए की लागत से बना यह आलीशान मॉल इन दिनों काफी चर्चा में है। दरअसल, हाल ही में एक वीडियो सामने आया था, जिसमें कुछ लोग मॉल के अंदर नमाज पढ़ते नजर आए थे। इसके बाद हिंदू महासभा ने मॉल के अंदर सुंदर पाठ करने का ऐलान किया था। आखिर क्या है ये पूरा विवाद और कहां से आया लुलु शब्द, आइए जानते हैं।
बता दें कि लखनऊ के लुलु शापिंग मॉल को बनाने वाले का नाम एमए युसूफ अली है। युसूफ अली भारतीय मूल के हैं और उनका जन्म केरल के त्रिशूर में हुआ था। यूसुफ ने खाड़ी देशों में अपना बिजनेस शुरू किया था। 2000 में उन्होंने गल्फ कंट्रीज में लुलु हाइपरमार्केट ग्रुप शुरू किया था। यह एक सुपरमार्केट चेन है। इस चेन में उन्होंने जो भी मॉल बनाए उनके नाम लुलु ही रखे।
कहां से लिया लुलु शब्द :
लुलु ग्रुप के मालिक युसूफ अली ने यह शब्द अरबी से लिया है। अरबी भाषा में इसका अर्थ मोती होता है। इस शब्द का जिक्र कुरान में भी आया है। यही वजह है कि यूसुफ ने अपनी कंपनी और हाइपरमार्केट चेन का नाम लुलु रखा। लुलु ग्रुप के मॉल मिडिल ईस्ट एशिया के अलावा यूरोप, अमेरिका और भारत समेत दुनिया के 22 देशों में मौजूद हैं। इसके अलावा इनके 235 रिटेल स्टोर हैं। अब धीरे-धीरे लुलु ग्रुप भारत में अपना बिजनेस बढ़ा रहा है।
कौन हैं यूसुफ अली ?
यूएई स्थित लुलु ग्रुप के मालिक युसूफ अली केरल के त्रिशूर में पैदा हुए। हालांकि, 1973 में वो अबू धाबी शिफ्ट हो गए, जहां उन्होंने साल 2000 में लुलु हाइपरमार्केट की स्थापना की। युसूफ अली अब यूएई के नागरिक हैं। उनका समूह सुपरमार्केट चेन पर काम करता है। भारत में लखनऊ से पहले उन्होंने कोच्चि, बैंगलोर और तिरुवनंतपुरम में अपने मॉल खोले हैं। युसूफ अली यूएई में रहने वाले सबसे अमीर भारतीय एनआरआई भी हैं। 2021 में यूसुफ अली को अबू धाबी के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें यह पुरस्कार अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने दिया था।
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