यूपी की राजधानी लखनऊ में बीते दिनों से स्विगी बैकपैक के साथ एक बुर्का पहने महिला की तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। बता दें कि यह महिला 40 साल की रिजवाना हैं। हालांकि यह फूड डिलीवरी एजेंट नहीं हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सड़कों पर बुर्का पहने एक महिला अपने कंधों पर स्विगी बैग लादे हुए दिखाई देती है। महिला की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी काफी तेजी से वायरल हो रही हैं। वहीं इस तस्वीर को लेकर लोग अपने-अपने अनुमान लगा रहे हैं। कुछ लोग महिला को फूड सप्लाई कंपनी स्विगी का एजेंट बता रहे हैं तो कुछ लोग इसे मिस्ट्री वुमेन बता रहे हैं। बता दें कि इस महिला का नाम रिजवाना है। रिजवाना लखनऊ के चौक इलाके में एक सकरी गली के अंदर 16 बाई 8 के कमरे में रहती हैं। उस छोटे से कमरे में एक तरफ किचन है और दूसरी तरफ शौचालय है।
पैदल तय करती हैं 25 किलोमीटर का सफर
वहीं नहाने के लिए कोई बाथरूम भी नहीं है। कमरा बंद करके रिजवाना और उसके बच्चे उसी कमरे में नहाते हैं। फिर कमरे में ही डोरी बांधकर कपड़े भी सुखाते हैं। रिजवाना ने अपने काम के बारे में बताया कि वह इस कड़कड़ाती ठंड में अपना स्विगी का बैग लेकर सुबह 8 बजे काम पर निकल जाती है। रिजवाना ने बताया कि वह करीब 25 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करती हैं। उन्होंने बताया कि डालीगंज में एक आदमी से रिजवाना ने 50 रुपए में स्विगी का बैग खरीदा था। बता दें कि वह स्विगी में काम नहीं करती हैं। बल्कि वह प्लास्टिक के चम्मच, पन्नियां, प्लेट और चाय के कप आदि इस बैग में रखती हैं। वह दुकानदारों के पास जाकर इसे बेचती हैं।
बड़ी मुश्किल से चलता है घर का खर्च
रिजवाना ने अपने संघर्षों के बारे में बात करते हुए बताया कि वह लोगों के घरों में खाना बनाने का काम भी करती हैं। इस काम से उन्हें 3 हजार रुपए तक मिल जाते हैं। रिजवाना की मासिक आय 5 से 6 हजार रुपए तक की हो जाती है। लेकिन इतनी कम आय से बड़ी मुश्किल से उनके घर का खर्च चल पाता है। रिजवाना ने बताया कि उन्हें मिलाकर 4 लोग हैं। जिनमें दो बेटियां और एक छोटा बेटा है। वहीं बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। महिला के पति पिछले 3 सालों से मिसिंग हैं। रिजवाना ने बताया कि उसका पति रिक्शा चलाने का काम करता था। परिवार ने उन्हें काफी तलाशा, लेकिन असफल रही।
मेहनत की तारीफ करते हैं आसपास के लोग
रिजवाना हमेशा आस लगाए रहती हैं कि कभी उनके पति वापस आ जाएंगे औऱ फिर उनकी जिंदगी पहले जैसी हो जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है कि उन्हें रहने के लिए घर दे दिया जाए। इसके बाद वह अपना गुजारा किसी तरह से कर लेंगी। रिजवाना ने बताया कि उन्होंने कभी किसी के आगे मदद के लिए हाथ नहीं फैलाया। वहीं आसपास के लोग उनकी मेहनत की तारीफ भी करते हैं।