समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने चाचा व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव पर मेहरबान हो गए हैं। दरअसल उन्होंने स्पीकर सतीश महाना को पत्र भेजकर आगे की पंक्ति में सीट आरक्षित करने की मांग की है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के बीच बढ़ी दूरियों के बीच सपा मुखिया ने बड़ा कदम उठाया है। अखिलेश यादव ने 9 सितंबर से होने जा रहे विधानमंडल के मानसून सत्र में चाचा के लिए आगे की सीट मांगी है। इटावा के जसवंतनगर से समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव के लिए अखिलेश यादव ने बड़ी पहल की है।
सतीश महाना को पत्र लिखकर की मांग
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को पत्र लिखकर चाचा व प्रसपा मुखिया शिवपाल यादव के लिए विधानसभा में आगे की पंक्ति में सीट आरक्षित करने की मांग की है। उन्होंने अनुरोध किया है कि समाजवादी पार्टी से वरिष्ठ विधायक शिवपाल सिंह यादव को प्रथम पंक्ति में सीट दी जाए। वहीं समाजवादी पार्टी ने भी उनकी मांग का समर्थन करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से यह मांग मानने का आग्रह किया है। अखिलेश द्वारा ऐसा कदम उठाने पर राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है।
चाचा ने भतीजे पर निशाना साधते हुए कही थी बात
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा में चाचा शिवपाल के लिए आगे की सीट की मांग कर बढ़ती दूरियों को कम करने की कवायद की है। दोनों नेताओं व चाचा-भतीजा के बाद काफी लंबे समय से तल्खी चल रही है। इस बीच अचानक ही अखिलेश चाचा पर मेहरबान हो गए हैं। वहीं बीते दिनों शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव पर पार्टी के पुराने नेताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद चाचा ने भतीजे पर निशाना साधते हुए ये बात कही थी।
डैमेज कंट्रोल करने के लिए ऐसा फैसला
अखिलेश यादव के द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद राजनितिक विषेशज्ञों का मनना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से चाचा शिवपाल से बनी दूरियों को कम करने और रिश्तों को लेकर डैमेज कंट्रोल करने के लिए ऐसा फैसला लिया। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि चाचा शिवपाल की इज्जत बढ़ाने के लिए भतीजे अखिलेश ने यह बड़ी पहल की है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शिवपाल पर इसका क्या असर होता है। जिस तरह से इन दिनों चाचा भतीजे पर निशाना साध रहे हैं तो ऐसा नहीं लगता है कि शिवपाल की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिकिया दी जाएगी।