
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में स्थिति लेवाना सुइट्स होटल अग्निकांड की जांच रिपोर्ट शुक्रवार की देर रात प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद को सौंप दी गई है। सूत्रों के अनुसार अफसरों की मिलीभगत और भ्रष्टाचार की नींव पर खड़ा यह होटल लखनऊ मंडलायुक्त और पुलिस कमिश्नर की रिपोर्ट में अग्निकांड के पीछे लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी LDA और फायर विभाग समेत छह विभागों को जिम्मेदार ठहराया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार इनके अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
60 होटलों को सील करने का आदेश हो चुका है जारी
सूत्रों के मुताबिक लखनऊ मंडालायुक्त रोशन जैकब और पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर ने शुक्रवार रात को रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है। जिसमें दोषी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही गई है। इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में भविष्य में लेवाना अग्निकांड जैसी घटनाएं न हो इसके लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं। एलडीए ने शहर में अवैध तरीके से बने 200 होटलों की सूची शासन व मंडलायुक्त को सौंप दी है। उनमें से 60 होटलों को सील करने का आदेश भी जारी किया जा चुका है। इस अग्निकांड के बाद शासन ने एलडीए से ऐसे अवैध होटलों की सूची मांगी थी, इनके खिलाफ कार्रवाई का दावा किया था। इसी से संबंधित शुक्रवार को सचिव आवास अजय चौहान ने एलडीए को पत्र भी भेज दिया था।
जांच रिपोर्ट में इन विभागों के कर्मचारी है शामिल
ऐसा कहा जहा है कि रिपोर्ट को सौंपने से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की गई थी। इस जांच रिपोर्ट में अग्निकांड के लिए जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों का जिक्र तो है ही, जिसमें एलडीए, फायर, नगर निगम, आबकारी, बिजली विभाग और जिला प्रशासन के कर्मचारियों का जिक्र है। भविष्य में ऐसी घटनाओं के सुझाव से बचने के अलावा रिपोर्ट में यह भी सलाह दी गई है कि उन सभी होटल और बिल्डिंग पर कार्रवाई होनी चाहिए जो मानक के विपरीत और बिना नक्शा पास किए हुए बनी हैं।
अवैध निर्माण को लेकर 22 इंजीनियरों को ठहराया जिम्मेदार
दरअसल लेवाना मामले में एलडीए ने गला फंसता देख शासन को भरमाने के लिए उसी दिन अवैध निर्माण के लिए 22 इंजीनियरों को जिम्मेदार ठहराते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश कर दी थी। इतना ही नहीं मामले को ठंडा करने के लिए यह भी बताया कि 140 अवैध होटलों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। इनमें से अवैध होटलों की सूची तलब की गई थी। वहीं दूसरी ओर प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने अवैध निर्माण के लिए सिर्फ इंजीनियरों को जिम्मेदार ठहराने पर आपत्ति जताते हुए संबंधित अफसरों की सूची भी तलब की थी।
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