लखनऊ की जिला जेल में बंद सपा मीडिया सेल के संचालक मनीष जगन अग्रवाल सोमवार शाम को रिहा कर दिया गया है। आपत्तिजनक ट्वीट करने के मामले में पुलिस ने मनीष को गिरफ्तार किया था। मनीष की रिहाई की सूचना पर जेल के बाहर कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लग गया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की जिला जेल में सपा मीडिया सेल के संचालक मनीष जगन अग्रवाल को रिहा कर दिया गया है। मनीष जगन अग्रवाल को सोमवार शाम को रिहा किया गया है। वहीं रिहाई की जानकारी पाकर सपा नेता व कार्यकर्ताओं का जेल के बाहर जमावड़ा लग गया। मनीष के जेल से बाहर निकलते ही उनके साथियों ने उन्हें कंधे पर उठा लिया। इसके बाद मनीष ने अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लगाए। बता दें कि आपत्तिजनक ट्वीट करने के मामले में मनीष को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सपा मीडिया सेल के संचालक मनीष के खिलाफ हजरतगंज थाने में 4 केस दर्ज हैं।
अखिलेश यादव मुलाकात के लिए गए थे जिला जेल
बता दें कि सोमवार को एसीपी मुख्यालय शिवाजी की कोर्ट से सपा मीडिया सेल के संचालक को जमानत मिली है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि रिहाई का आदेश मिलने के बाद सोमवार को उन्हें रिहा कर दिया गया। वहीं मनीष की गिरफ्तारी के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव उनसे मिलने जिला जेल पहुंचे थे। लेकिन जेल प्रशासन ने रविवार को अवकाश का हवाला देकर मुलाकात कराने से इंकार कर दिया था। वहीं हाई प्रोफाइल केस होने के कारण जेल प्रशासन ने मनीष अग्रवाल को मुलाहिजा बैरक में कड़ी निगरानी में रखा गया था।
दोनों तरफ से किए गए वार-पलटवार
सपा और भाजपा के बीच मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव से चल रही लड़ाई अब सड़क पर आ गई है। दोनों दल के प्रवक्ताओं और पदाधिकारियों ने ट्विटर पर एक-दूसरे के खिलाफ जमकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया। वहीं इस ऑनलाइन जंग की जानकारी बड़े नेताओं को भी थी। लेकिन किसी ने भी इस लड़ाई को रोकने की कोशिश नहीं की। जिसके बाद नतीजा यह हुआ कि ये मामला केस और गिरफ्तारी तक पहुंच गया। बता दें कि दोनों तरफ से चल रही यह लड़ाई कभी भी बड़े आंदोलन में बदल सकती है। भाजपा के एक प्रवक्ता ने ट्विटर पर अखिलेश यादव पर पत्नी डिंपल के लिए वोट मांगने का तंज कसा था। जिसके बाद दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी हुआ।
अभद्र और अश्लील टिप्पणी में किया गया था गिरफ्तार
इसके बाद दोनों तरफ से पत्नी और बच्चों को भी इस लड़ाई में घसीटा गया। वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक सहित अन्य नेताओं को भी निशाने पर लिया गया था। इसके बाद पार्टी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अखिलेश यादव के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज करने के लिए याचिका दाखिल की। वहीं यह मामला तब और अधिक बढ़ गया जब भाजयुमो की सोशल मीडिया प्रभारी डॉ. ऋचा राजपूत सपा प्रमुख के खिलाफ ट्वीट किया। ऋचा राजपूत ने अखिलेश की पत्नी औऱ डिंपल के लिए भी अभद्र भाषा का उपयोग किया था। तब सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने ऋचा के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। बता दें कि ऋचा राजपूत के खिलाफ अभद्र और अश्लील टिप्पणी करने के बाद मनीष जगन अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया।
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