यूपी में इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी मिल गई है। जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर ग्राहकों को 10 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी। राज्य में इलेक्ट्रिक कार खरीदने वाले ग्राहकों को एक लाख रुपये तक की छूट मिलेगी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दे दी है। अब यूपी में ग्राहकों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर भारी सब्सिडी मिलेगी। प्रदेश में ग्राहकों को इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर एक लाख रुपये तक की छूट मिलेगी। इस नीति को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार ने पहले तीन वर्षों के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों की सभी श्रेणियों की खरीद पर 100 प्रतिशत रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस पर भी छूट दी गई है। इसके अलावा अगर इलेक्ट्रिक वाहन का निर्माण प्रदेश में किया गया होगा तो चौथे और पांचवे वर्ष में भी यह छूट मिलना जारी रहेगा।
यूपी सरकार इलेक्ट्रिकल व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग तरह की कोशिशें कर रही है। इसके अलावा सरकार राज्य में इलेक्ट्रिकल वाहन बनाने को भी बढ़ावा दे रही है। सीएम योगी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक की गई थी। इस बैठक में प्रदेश की नई इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण और गतिशीलता नीति 2022 को मंजूरी दी गई। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर अब प्रदेश सरकार द्वारा भारी सब्सिडी दी जाएगी। इसके तहत सरकार ने राज्य में 30 हजार करोड़ का लक्ष्य रखा है। इस दौरान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से 10 लाख लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है।
इन इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलेगी इतनी सब्सिडी
राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे जाने पर सरकार द्वारा फैक्ट्री मूल्य पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। जिसमें पहले दो लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर 5,000 रुपये प्रति वाहन, पहले 50000 इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहनों पर अधिकतम 12000 रुपये तक और पहले 25000 इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों के लिए प्रति वाहन पर एक लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। इतना ही नहीं राज्य में खरीदी गई पहली 400 बसों पर प्रति ई-बस 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसके साथ ही अधिकतम 1000 ई गुड्स कैरियर्स को प्रति वाहन 100000 तक ई-गुड्स कैरियर्स की खरीद के लिए फैक्ट्री मूल्य पर 10 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। नई नीति के तहत न्यूनतम पहली दो अल्ट्रा मेगा बैटरी परियोजनाओं के लिए अधिकतम 1000 करोड़ रुपये प्रति परियोजना के निवेश पर तीन प्रतिशत की दर से पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी। जिसमें राज्य में न्यूनतम एक गीगावॉट की उत्पादन क्षमता वाले बैटरी मैन्युफेक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए 1500 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा का निवेश किया जाता है।
नई नीति के जरिए इको-फ्रेंडली परिवहन सिस्टम को करना है विकसित
ईवी नीति का मकसद राज्य सरकार का सिर्फ इतना है कि इको-फ्रेंडली परिवहन सिस्टम विकसित करना है। वहीं बैटरी, इलेक्ट्रिक वाहनों और संबंधित उपकरणों के मैन्युफेक्चरिंग के लिए यूपी को एक ग्लोबल हब भी बनाना है। नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022 के अंतर्गत त्रिआयामी प्रोत्साहन व्यवस्था का भी प्रावधान किया गया है। इसके तहत यूजर्स द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण व खरीददारी के लिए, चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग सेवाओं के लिए प्रावधान किए गए हैं। इसके साथ ही प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए योगी सरकार कर्मचारियों को एडवांस लेने के लिए भी अनुमति देगी। इन सबके अलावा नीति ईवी बैटरी और ईवी निर्माण में बड़े निवेश को आकर्षित करने के प्रावधानों को भी तवज्जो देती है।
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