महोबा के पांच बुजुर्ग गले में तख्ती डालकर जिंदा होने का दे रहे सबूत, DM के पास पहुंचकर लगाई मदद की गुहार

यूपी के महोबा जिले में एक नहीं, दो नहीं बल्कि पांच लोगों को मृत घोषित कर उनकी पेंशन बंद कर दी गई। अब वह जिंदा होने का सबूत लेकर सरकारी चौखट पर जिंदा होने की गुहार लगा रहे है। सरकारी कागजों में लापरवाही के चलते इस प्रकार के मामले पहले भी आ चुके हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 27, 2022 3:02 AM IST

महोबा: उत्तर प्रदेश में बीते दिनों कई ऐसे मामले सामने आए है, जिसमें सरकारी कागजों में व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया गया हो पर असल में वह जिंदा हो। इस वजह से उनकी सरकारी योजनाओं का मिल रहा लाभ भी बंद हो जाता है। फिर वह लोग गले में तख्ती, जिसमें लिखा होता है साहब मैं अभी जिंदा हूं लटकार उच्चाधिकारियों के पास जाते है और उनसे मदद की गुहार लगाते है। ऐसा ही मामला बुंदलेखंड के महोबा जिले से आया है। हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि एक नहीं, दो नहीं बल्कि पांच लोगों को मृत घोषित कर उनकी पेंशन बंद कर दी गई है।

बुजुर्ग अभी मैं जिंदा हूं की डाले है तख्ती
सरकारी सिस्टम का भी एक अलग ही अनोखा फंडा है कि जिसे चाहे मृत घोषित कर दे और जिसे चाहे जिंदा। पांचों अपने जिंदा होने का सबूत लेकर सरकारी चौखट पर जिंदा होने की गुहार लगा रहे है। जानकारी के अनुसार यह शहर के कबरई विकास खंड के पचपहरा गांव के रहने वाले पांच लोग है। जो अपने गले में अभी मैं जिंदा हूं की तख्ती लगाए घूम रहे हैं। पांचों अपना जीता जागता सबूत दे रहे हैं। सरकारी सिस्टम के द्वारा ऐसी हरकत होने से वह सिस्टम को भी कोस रहे है।

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सेकेट्री ने इन पांच ग्रामीणों को घोषित किया मृत
वृद्धावस्था पेंशन धारक बुजुर्गों का आरोप है कि गांव के पूर्व पंचायत सेकेट्री विक्रमादित्य ने रंजिश के सरमन, गिरजरानी, कालिया, सुरजी नन्दकिशोर, राकेश रानी को जिंदा होने के बाबजूद सरकारी दस्तावेजों में मृत दर्शा दिया गया। जिसकी वजह से गरीब असहाय बुजुर्गों को शासन की महत्वाकांक्षी वृद्ध पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इन पांचों में से किसी के पास भी अपनी जीविका चलाने का साधन नहीं है, जिसके चलते यह सभी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गले में तख्ती डालकर अपने जिंदा होने का सबूत दे रहे हैं।

इस मामले में जिलाधिकारी ने बताई ये बात
इस मामले में जिलाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि आज कबरई विकासखंड के पचपहरा गांव के ग्रामीण आए हुए थे। जिनका आरोप है कि गांव में तैनात पूर्व पंचायत सेक्रेट्री विक्रमादित्या ने करीब पांच ग्रामीणों का नाम वृद्धावस्था पेंशन से काट दिया है। इतना ही नहीं इन सभी को सत्यापन रिपोर्ट में मृत दर्शाया है। शिकायत के बाद इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम, सीडीओ को जांच सौंपी गई है। आरोपी पंचायत सेक्रेट्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और सभी बुजुर्गों को सरकार की महत्वकांक्षी वृद्धावस्था पेंशन का लाभ भी मुहैया कराया जाएगा।

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