लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा हुए जेल से रिहा, जमानत की याचिका पर हुई सुनवाई

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा जमानत पर रिहा होकर जेल से बाहर आ गए है। आशीष के वकील ने अवधेश कुमार सिंह ने कहा कोर्ट ने दो बार तीन लाख रुपये की जमानत राशि की मांग की थी। शहर से बाहर जाने पर कोई पाबंदी नहीं होगी। 

लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के जिले लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा जमानत पर रिहा होकर जेल से बाहर आ गया है। बता दें कि किसानों को अपनी जीप से कुचलने के आरोपी आशीष मिश्रा को 5 दिन पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिल गई थी। मिश्रा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उत्तर प्रदेश की एसआईटी ने 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी।

वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पूरी हुई थी सुनवाई
लखनऊ बेंच ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई पूरी करने के बाद मिश्रा की याचिका पर 18 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। मिश्रा की ओर से पेश वकील ने अदालत से कहा था कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और उसके खिलाफ इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उसने किसानों को कुचलने के लिए एक वाहन के चालक को उकसाया था। याचिका का विरोध करते हुए, अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने कहा था कि घटना के समय मिश्रा उस कार में सवार थे जिसने किसानों को कथित तौर पर अपने पहियों के नीचे कुचल दिया था।

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आशीष मिश्रा नौ अक्टूबर को हुआ था गिरफ्तार
आपको बता दें कि तीन अक्टूबर को जिले के तिकुनिया इलाके में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष तथा 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। आशीष को पिछली नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। गौरतलब है कि 10 फरवरी को पारित हाईकोर्ट के जमानत आदेश में इन धाराओं का उल्लेख टंकण त्रुटि के चलते नहीं हो सका था। इससे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की रिहाई नहीं हो सकी। रिलीज ऑर्डर को रोक दिया गया था।

हाईकोर्ट से जमानत मिली थी
लखीमपुर हिंसा मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को गुरुवार को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई. ये आदेश जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने दिया। इससे पहले बेल ऑर्डर पर हत्या और साजिश की धाराओं का जिक्र नहीं किया है। जमानत आदेश में धारा 302 और 120बी का जिक्र नहीं किया गया. बताया जा रहा है कि बेल ऑर्डर को संशोधित करने के लिए आशीष मिश्रा के वकीलों को अर्जी देनी पड़ी। इस वजह से उनकी रिहाई अगले सप्ताह 15 फरवरी यानी आज संभव है।

ये है पूरी घटना
आशीष मिश्रा पर लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया गांव में बीते साल 3 अक्टूबर को प्रदर्शनकारी किसानों को जीप से कुचलकर मारने का आरोप है। इस घटना में 4 किसानों समते कुल 8 लोगों की मौत हुई थी। इस घटना के बाद किसानों ने आरोप लगाया था कि एसयूवी अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा था।  इसके बाद 9 अक्टूबर को कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि आशीष मिश्रा और उनके परिवार का कहना था कि घटना के समय आशीष वहां नहीं थे। 

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