मैनपुरी से डिंपल यादव को जिताने के लिए सपा ने बनाई खास रणनीति, पुरानी गलतियों से भी ली गई सीख 

मैनपुरी उपचुनाव में जीत के लिए समाजवादी पार्टी ने खास रणनीति तैयार की है। पार्टी यहां खास ध्यान रख रही है कि चुनाव में सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल न होने पाए और सपा के वोट न कटने पाए।

Asianet News Hindi | Published : Nov 13, 2022 11:59 AM IST

मैनपुरी: मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी उपचुनाव को लेकर सपा की तैयारियां जारी हैं। इस बीच सैफई परिवार ने मैनपुरी में डेरा जमा लिया है। डिंपल यादव भी मैनपुरी पहुंची चुकी हैं और बताया जा रहा है कि वह 14 नवंबर को नामांकन कर सकती है। इससे पहले पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव भी शनिवार को मैनपुरी पहुंचे। 

दिग्गज नेता संभाल रहे चुनाव की जिम्मेदारी
धर्मेंद्र यादव ने कई नेताओं के साथ मिलकर भाभी डिंपल यादव की जीत के लिए रणनीति तैयार की। पूर्व सांसद ने यहां पार्टी कार्यालय पहुंचकर भी उपचुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। इस बीच खासतौर पर ध्यान दिया जा रहा है कि बीजेपी उपचुनाव में सपा को वोट न काटने पाए। पार्टी के नेताओं ने बताया कि बीजेपी हमेशा वोट काटने का हथकंडा चुनाव में जीत के लिए अपनाती है। इसी के साथ चुनाव में जीत के लिए भाजपा अधिकारियों का भी इस्तेमाल करती है। लिहाजा इस बात खास ध्यान रखा जा रहा है कि उपचुनाव में जीत के लिए सराकरी मशीनरी का इस्तेमाल न होने पाए। इसको लेकर पार्टी के नेता ओर कार्यकर्ता पूरी तरह से एलर्ट हैं। धर्मेंद्र यादव ने कहा कि मैनपुरी नेताजी की थी और हमेशा ही नेताजी की रहेगी।

नेताजी की यादों के सहारे चुनाव लड़ने की तैयारी
सपा नेताओं की ओर से दावा किया जा रहा है कि बीजेपी को मैनपुरी में उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा। बीजेपी को मैनपुरी से चुनाव लड़ाने के लिए प्रत्याशी भी नहीं मिल रहा है। करहल से चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा के नेता अब मैनपुरी में चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। मैनपुरी की जनता ने हमेशा ही समाजवादियों को जिताने का काम किया है और इस बार भी यही परिणाम यहां पर देखने को मिलने वाला है। उपचुनाव में सपा की ऐतिहासिक वोटों से जीत होगी। आपको बता दें कि मैनपुरी उपचुनाव से पहले पार्टी औऱ परिवार भी पूरी तरह से एकजुट नजर आ रहा है। पार्टी के दिग्गज नेताओं ने मैनपुरी में जमावड़ा कर रखा है। वहीं इस बीच ज्यादातर लोगों से मुलाकात कर वोट अपील की जा रही है। नेताजी के विचारों और उनकी यादों को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। बीजेपी के खिलाफ यह चुनाव सपा पूरी तरह से नेताजी की यादों के सहारे लड़ने के मूड में नजर आ रही है। 

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