
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। इसकी जानकारी चुनाव आयोग की ओर से दी गई है कि यूपी में इन दोनों सीटों पर पांच दिसंबर को वोटिंग होगी। वहीं उपचुनाव के लिए नोटिफिकेशन 10 नवंबर को जारी होगा। नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 17 नवंबर 2022 और 21 नवंबर तक नामवापसी की जा सकेगी। नेताजी के निधन के बाद मैनपुरी में और सपा नेता आजम खान को तीन साल की सजा मिलने के वजह से विधायकी जाने के बाद रामपुर में उपचुनाव होने है।
साल 2019 में नेताजी मैनपुरी से चुने गए थे सांसद
समाजवादी पार्टी का दबदबा इस सीट पर हमेशा से ही रहा है। साल 2019 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी सीट से सांसद चुने गए थे। लंबे समय से बीमार चल रहे नेताजी का निधन पिछले महीने 10 अक्टूबर को हो गया था। जिसके बाद मैनपुरी लोकसभा सीट खाली हो गई है। इसी वजह से उपचुनाव होने हैं। समाजवादी पार्टी के साथ-साथ बीजेपी ने भी कमर कस ली है। सपा की कोशिश यहीं है कि किसी भी हालत में यह सीट अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती जबकि भाजपा रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा की तरह यहां भी जीत हासिल करने की कोशिश में लगी हुई है।
मैनपुरी में शाक्य, लोधी वोटर्स की संख्या है अधिक
पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रेम सिंह शाक्य ने चुनाव लड़ा था। मुलायम को 5.24 वोट मिले थे और शाक्य के खाते में 4.30 लाख वोट गए थे। जिस तरह से समाजवादी पार्टी में मैनपुरी सीट के उम्मीदवारों के नामों को लेकर चर्चा काफी हो रही है। वहीं ऐसा कहा जा रहा है कि भाजपा मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव या फिर उनके समधी हरिओम यादव को टिकट दे सकती है। शाक्य, लोधी वोटर्स की संख्या मैनपुरी में ज्यादा है तो ऐसे में बीजेपी अपने पुराने प्रत्याशी पर भी दांव लगा सकती है।
अखिलेश यादव परिवार में ही बनाने चाहते है उम्मीदवार
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी की तरफ से अखिलशे यादव परिवार के ही किसी सदस्य को मौका मिल सकता है। तेज प्रताप यादव, धर्मेंद्र यादव, डिंपल यादव, शिवपाल यादव या परिवार के अन्य सदस्य को मौका दिए जाने की अटकलें हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश और शिवपाल के रिश्तों में भी नमी देखी गई है। इस वजह से संभव यह भी है कि मैनपुरी सीट से अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को चुनाव लड़वा सकते हैं। अखिलेश यादव यूपी और शिवपाल केंद्र की जिम्मेदारी संभाल सकते है और ऐसा होने से परिवार का विवाद खत्म हो जाएगा।
मार्च 2022 के चुनाव में आजम ने जीती थी रामपुर सीट
मैनपुरी सीट के अलावा रामपुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है। सपा नेता आजम खान को तीन साल की सजा मिलने के बाद उनकी विधायकी चली गई है। जिसकी वजह से यहां चुनाव हो रहा है। मार्च 2022 में हुए चुनाव में आजम खान ने रामपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। आजम खान को 1.31 लाख वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी प्रत्याशी आकाश सक्सेना हनी को 76 हजार वोटों से ही संतुष्टि करनी पड़ी थी। इसके अलावा बसपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों को सिर्फ चार-चार हजार वोट मिले थे।
आजम खान की पत्नी लड़ सकती है रामपुर का उपचुनाव
सपा नेता आजम खान को सजा मिलने के बाद उनकी सीट से उनकी पत्नी तंजीन फातिमा चुनाव लड़ सकती हैं। आजम के बेटे अब्दुला आजम भी रामपुर की स्वार सीट से विधायक हैं। इस सीट को जीतने के लिए बीजेपी फिर से आकाश सक्सेना पर दांव लगा सकती है। इनके अलावा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से लड़ने वाले नवाब काजिम अली को भी भाजपा से मौका मिल सकता है क्योंकि कई बार नवाब बीजेपी सरकार की तारफी कर चुके हैं। साथ ही रामपुर में आजम खान समेत उनके पूरे परिवार के खिलाफ खुलकर हमेशा बोलते रहे हैं।
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