मैनपुरी उपचुनाव के पहले साथ आए अखिलेश और चाचा शिवपाल यादव, जानिए क्या हैं इस तस्वीर के 5 मायने

मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव से पहले अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल ने चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात की। उनकी मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर चर्चाओं का विषय बनी हुई है। 

मैनपुरी: मुलायम सिंह के निधन पर के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव इन दिनों खासा चर्चाओं में है। समाजवादी पार्टी की ओर से इस सीट से डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। डिंपल के नामांकन के बाद अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात करने के लिए सैफई पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी भी मौजूद थी। इस मुलाकात के बाद दोनों ही नेताओं ने अपने ट्विटर अकाउंट से तस्वीरें भी साझा कीं। हालांकि इस तस्वीर में कई खास बाते देखने को मिली जो मैनपुरी उपचुनाव के लिहाज से काफी ज्यादा अहम हैं। 

परिवार की एकजुटता का दिया संदेश 
अखिलेश यादव भी यह समझ रहे थे कि शिवपाल यादव के बिना मैनपुरी उपचुनाव को जीतना आसान नहीं होगा। इस बीच लोगों ने भी सवाल किए कि क्या अभी भी चाचा नाराज हैं या अखिलेश यादव उन्हें सम्मान नहीं दे रहे। इसके बाद ही अखिलेश चाचा के पास पहुंचे और परिवार में सब कुछ ठीक दिखाने का प्रयास किया गया। ज्ञात हो कि शिवपाल यादव डिंपल के नामांकन में भी नहीं पहुंचे थे। चर्चाएं थी की उनके बेटे नामांकन में शामिल होंगे लेकिन ऐन वक्त पर ऐसा भी नहीं हुआ था। जिसके बाद शिवपाल यादव की नाराजगी की बातें और भी पक्की हो गई थीं। 

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2024 लोकसभा चुनाव को लेकर भी काफी अहम है तस्वीर
शिवपाल और अखिलेश यादव की इस तस्वीर ने काफी हद तक साफ कर दिया है कि दोनों के बीच की दूरियां कम हो रही हैं। मुलायम सिंह के निधन के बाद दोनों नेता साथ में ही रहे और अस्थि विसर्जन के दौरान भी शिवपाल यादव हर जगह भतीजे के साथ दिखें। मैनपुरी उपचुनाव से पहले सामने आई इस तस्वीर ने साफ कर दिया है कि 2024 का लोकसभा चुनाव भी अखिलेश औऱ शिवपाल साथ में ही लड़ेंगे। 

बीजेपी की बढ़ गई मुश्किलें
शिवपाल और अखिलेश की साथ आई तस्वीर ने बीजेपी की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। बीजेपी ने मैनपुरी उपचुनाव में रघुराज शाक्य को टिकट दिया है। शिवपाल यादव की नाराजगी के बाद बीजेपी के लिए मैनपुरी उपचुनाव जीतना बहुत ही आसान माना जा रहा था। यदि ऐसा होता तो 1996 से चला आ रहा रिकॉर्ड मुलायम के निधन के बाद पहले ही चुनाव में टूट जाता। ज्ञात हो कि 1996 के बाद मैनपुरी सीट पर हमेशा मुलायम सिंह यादव के परिवार का ही वर्चस्व रहा है और सपा ने हमेशा इस सीट पर जीत दर्ज की है। 

बेटा आदित्य भी नजर आया अखिलेश के साथ 
ज्ञात हो कि यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान शिवपाल यादव के भतीजे अखिलेश से नाराज होने का एक बड़ा कारण आदित्य को टिकट न दिया जाना था। शिवपाल उस दौरान भी चाह रहे थे कि उनके बेटे आदित्य को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया जाए। हालांकि अखिलेश ने चाचा शिवपाल को सिर्फ एक ही टिकट दिया था। मैनपुरी उपचुनाव से पहले सामने आई तस्वीर में चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश के साथ आदित्य यादव भी मौजूद हैं। आमतौर पर ऐसी तस्वीर बहुत कम ही देखने को मिलती है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि आदित्य के भविष्य को लेकर भी पिता शिवपाल ने अखिलेश यादव से कुछ बातचीत जरूर की है। 

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