वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में रविवार को दो किलोमीटर की कतार में खड़े होकर भक्त ठाकुर श्रीबांकेबिहारी के दर्शन का इंतजार कर रहे है। यह नई व्यस्था श्रद्धालुओं पर बहुत भारी पड़ रही है। बता दें कि भीड़ नियंत्रण के लिए आए दिन व्यवस्था में बदलाव हो रहा है।
मथुरा: उत्तर प्रदेश के जिले मथुरा के वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ नियंत्रण के लिए आए दिन व्यवस्था में बदलाव हो रहा है। उसके बाद भी श्रद्धालुओं को परेशान होना पड़ता है। सेवायत गोस्वामियों के साथ शनिवार को बैठक हुई और रविवार सुबह पुलिस ने नई व्यवस्था को लागू कर दिया। इसके अंतर्गत पुलिस ने श्रद्धालुओं की लाइन लगा दी। भक्तों पर यह व्यवस्था भी बहुत भारी पड़ रही है। मंदिर के मुख्य दरवाजे से शुरू कतार करीब दो किलोमीटर तक पहुंच गई। घंटों तक हजारों भक्त लाइन में लगकर आराध्य दर्शन के लिए खड़े रहे।
हंरी निकुंज से विद्यापीठ तक पहुंची लोगों की कतार
कई श्रद्धालु तो निराश होकर बिना दर्शन के ही लौट गए। लोग प्रशासन की व्यवस्था को कोस रहे है और कह रहे है कि यह कैसी व्यवस्था है कि श्रद्धालुओं को अपने आराध्य के दर्शन भी सुलभ न हो सके। रविवार की सुबह मंदिर के दरवाजे खुलने से पहले ही हजारों श्रद्धालु मंदिर के बाहर पहुंच गए थे। नई व्यवस्था लागू करते हुए श्रद्धालुओं को लाइन में लगा दिया। बांकेबिहारी मंदिर से शुरू हुई श्रद्धालुओं की कतार हरी निकुंज चौराहा, विद्यापीठ चौराहे तक पहुंच गई। भक्त घंटों तक लाइन में खड़े होकर अपने आराध्य के दर्शन के लिए इंतजार करते रहे और तब जाकर उनका नंबर आया। कई श्रद्धालु निराश होकर बीच से ही लौट गए।
स्थानीय लोगों को करना पड़ रहा परेशानी का सामना
श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लाइन दो किमी लंबी हो गई। नई व्यवस्था की वजह से बांकेबिहारी मंदिर को जाने वाली गलियों में भीड़ रही। इस वजह से स्थानीय लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। श्रद्धालुओं की लाइन लगी होने की वजह से लोग घरों में कैद होकर रह गए है। अव्यवस्थाओं का आलम यह था कि विद्यापीठ चौराहे पर नाला खुला हुआ था और धक्का-मुक्की की वजह से कुछ महिला श्रद्धालु गिर गई।
ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर का बनेगा भव्य कॉरिडोर
बता दें कि वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के लिए कॉरिडोर योजना लगभग फाइनल हो गई है। सूत्रों के अनुसार पांच एकड़ जमीन पर कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव तैयार हो गया है। अधिकारियों की टीम ने तय किया है कि आईआईटी के विशेषज्ञों से इसके लिए डीपीआर तैयार कराई जाएगी। इतना ही नहीं कॉरिडोर की भव्यता काशी विश्वनाथ और उज्जैन महाकाल से भी बेहतर बनानी है। इसके लिए मंदिर के लिए जमीन ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर की निधि से खरीदी जाएगी। इन सबके अलावा व्यवस्थाओं की देखरेख के लिए ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर का ट्रस्ट भी बनेगा। अधिकारियों के बीच बैठक में कॉरिडोर की तैयारियों को लेकर मंथन हुआ। हालांकि अधिकारी इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
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