महिला आश्रय सदन के पूर्व कर्मचारी ने DPO पर लगाए आरोप, सोशल मीडिया पर लिखी पत्नी संग आत्महत्या की बात

वृंदावन स्थित चैतन्य विहार महिला आश्रय सदन में काम करने वाले कर्मचारी ने डीपीओ यानी जिला प्रोबेशन अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए है। सोशल मीडिया पर पत्नी सहित आत्महत्या करने की बात कही है। 

Pankaj Kumar | Published : Apr 29, 2022 12:19 PM IST

निर्मल राजपूत
मथुरा:
उत्तर प्रदेश के वृंदावन स्थित चैतन्य विहार महिला आश्रय सदन के एक कर्मचारी ने डीपीओ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारी ने डीपीओ मथुरा पर आरोप लगाया है कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। आश्रय सदन कर्मचारी ने अपने टि्वटर हैंडल से एक पोस्ट वायरल किया है। इस पोस्ट में कर्मचारी ने पत्नी सहित आत्महत्या करने की बात कही है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई पोस्ट से हड़कंप मच गया है। वहीं जब इस मामले को लेकर डीपीओ से बात की तो उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है। 

बृज गंधा प्रसार समिति के तहत हुआ था चयन
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जमकर वायरल हो रहा है। पोस्ट करने वाले व्यक्ति ने अपने साथ हो रहे उत्पीड़न के बारे में लिखते हुए पत्नी सहित आत्महत्या करने की बात कही है। सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाला व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि वृंदावन क्षेत्र स्थित चैतन्य विहार के महिला आश्रय सदन का कर्मचारी ज्ञानेंद्र प्रजापति है। कर्मचारी ने लिखा है कि मथुरा में हमें कोई न्याय नहीं मिल रहा है, हम दोनों मौत को गले लगाएं। 

Latest Videos

फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवा कर कराई नौकरी
फोन पर जब कर्मचारी ज्ञानेंद्र प्रजापति से 12वीं पोस्ट के बारे में जानकारी की गई तो उन्होंने अपने साथ हुए उत्पीड़न के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि डीपीओ मथुरा के द्वारा मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। 5 महीने का वेतन डीपीओ मथुरा के द्वारा रोक लिया गया है और पत्नी की पढ़ाई के लिए पैसे मांगे तो उन्होंने फटकार कर भगा दिया। पीड़ित का आरोप है कि डीपीओ मथुरा के द्वारा कोई लेटर ऐसा नहीं दिया गया। जिससे आस्था सदन से नौकरी छोड़ने की बात की गई हो। ज्ञानेंद्र ने यह भी बताया है की बृज गंधा प्रसार समिति के तहत हमारा चयन वृंदावन के आशा सदन में हुआ था। आरोप है कि डीपीओ मथुरा ने अपने भतीजे को लाभ पहुंचाने के लिए और फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवा कर अपने भतीजे को 6 महीने तक बिना नौकरी कराए वेतन दिया जबकि मेरा वेतन रोक दिया गया। 

डीपीओ ने लगाए गए आरोपो पर दी सफाई
चैतन्य विहार स्थित महिला आश्रय सदन के पूर्व कर्मचारी द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में जब डीपीओ मथुरा अनुराग श्याम रस्तोगी से बात कि तो उन्होंने बताया कि अप्रैल 2018 में बृज गंधा प्रसार समिति प्रोजेक्ट के तहत FFDC संस्था के तहत टेक्निकल कार्य शुरू कराया गया था। कन्नौज के रहने वाले ज्ञानेंद्र प्रजापति टेक्निकल कॉर्डिनेटर के पद पर तैनात थे। केवल 2 वर्ष के लिए इस संस्था को हायर कराया गया था। एक वर्ष में संस्था के द्वारा पेमेंट वापस कर प्रोजेक्ट को बंद करने की बात कही गई। 

डीपीओ ने आरोपों को बताया बेबुनियाद और निराधार 
प्रोजेक्ट बंद होने के बाद ज्ञानेंद्र को निकाल दिया गया। उसके आग्रह पर लगातार काम करने के लिए उसको रखा गया। एफएफडीसी संस्था ने काम बंद कर दिया तो इनका वेतन नहीं दिया जा सकता जब तक इन्होंने काम किया है। इनका वेतन इनको दे दिया गया। डीपीओ मथुरा के ऊपर लगे आरोपों के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि ज्ञानेंद्र प्रजापति की मानसिकता क्या है और क्यों इस तरह के आरोप लगा रहे हैं उसके बारे में वो ही जानें। जो आरोप लगा रहे हैं बेबुनियाद और निराधार हैं। 

पुलिस ने बोला आपकी क्या मदद कर सकते 
उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ भी ध्यान दीजिए। सोशल मीडिया पर पीड़ित द्वारा ट्वीटर हैंडल से  की गई पोस्ट में अपनी पत्नी के साथ आत्महत्या करने की बात कही गई। पोस्ट पर लोग अपना रिएक्शन दे रहे थे। वहीं डायल 112 पर कॉल किया गया पुलिस ने पूरा मामला सुनने के बाद पीड़ित व्यक्ति से पुलिस के द्वारा सवाल किया कि हम आपकी क्या मदद कर सकते हैं।

सड़क पर नमाज पढ़ने के विरोध में हुआ हंगामा, सरकार और धर्मगुरुओं के फैसले को भी किया नजरअंदाज

अलीगढ़: कोर्ट ने एक साथ इतने लोगों को सुनाई फांसी की सजा, वजह जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

सिर्फ 3 दिन में एकाउंट में आएगा पैसा...रिटायरमेंट कर्मचारियों को योगी सरकार ने दिया बड़ा तोहफा

Share this article
click me!

Latest Videos

नमस्कार-प्रणाम...गोली लगने के बाद आया अभिनेता गोविंदा का सबसे बड़ा बयान
PM Modi LIVE: हरियाणा के पलवल में एक सार्वजनिक बैठक
31 Oct. या 1 Nov. - कब है Diwali 2024 ? नोट करें दीवाली की सही तारीख
सुबह 4.45 बजे अभिनेता गोविंदा को कैसे लगी गोली? ये है वो सबसे बड़ी वजह
LIVE: भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद नई दिल्ली में मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए