सार
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार ने रिटायर होने के तीन दिन बाद ही उनके खातों में रकम होगी। जिसकी शुरुआत 1 मई को मुख्यमंत्री योगी ई पेंशन पोर्टल के द्वारा करेंगे।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दोबारा मुख्यमंत्री के पद को संभाल रहे योगी आदित्यनाथ शपथ ग्रहण के बाद से ही कई महत्वपूर्ण फैसले ले चुके है। सीएम योगी का यह सिलसिला समय के साथ जारी है। राज्य में सत्ता में एक बार फिर वापसी आने के बाद जनहित में ताबड़तोड़ फैसलें लिए हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देने का फैसला किया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है कि अब रिटायर होने वाले कर्मचारियों के खाते में उनकी रकम तीन दिन के अंदर ही पहुंच जाएंगी। जिसके लिए लोकभवन में एक मई को सीएम योगी ई पेंशन पोर्टल की शुरुआत करेंगे। यह फैसला रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए काफी अहम साबित होगा क्योंकि पहले रिटायर होने के बाद कर्मचारियों को सरकारी दफ्तरों में कई महीने तक चक्कर लगाने पड़ते थे तब जाकर उनकी रकम उनके खातों में आती थी।
इतना ही नहीं रिटायर हुए कर्मचारियों को अपनी रकम को खातें में वापस लाने के लिए कई बार तो रिश्वत या जुगाड़ का भी सहारा लेना पड़ता था। लेकिन अब ई पेंशन पोर्टल के जरिए भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी और कर्मचारियों को तत्काल रकम भी मिलेगी। यह फैसला योगी सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है।
कैशलेस चिकित्सा योजना की हुई शुरुआत
ई पेंशन पोर्टल की शुरुआत से पहले ही योगी सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्यायराज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना शुरू की थी। जिसके लिए राज्य मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश शासकीय सेवक नियमावली 2016 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। योगी सरकार के इस फैसले से करीब 28 लाख राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी।
प्राइवेट अस्पतालों में भी मिलेगा कैशलेस इलाज
दरअसल योगी सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि सरकारी अस्पताल दूर होने की वजह से कर्मचारियों को प्राइवेट अस्पतालों में ही इलाज करवाना पड़ता था। लेकिन सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधा प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध नहीं थी। इसी कारण वश सरकार ने अब इसे निजी अस्पतालों में भी लागू कर दिया गया है।
इस योजना के लागू होने के बाद से निजी अस्पतालों में भी इलाज कराया जा सकेगा। इसके लिए कर्मचारी को इलाज का बिल कैश में नहीं करना होगा बल्कि राज्य सरकार द्वारा कार्ड दिया जाएगा। जिसे अस्पताल में ले जाकर वह अपना इलाज को पूरा कराएगा और इलाज का खर्च बीमा कंपनी देगी जिसका राज्य सरकार के साथ करार होगा।