मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी से वाद की कॉपी मांगी है। कृष्ण जन्मभूमि मामले में 13.37 की पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की जा रही है। शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दिनेश कौशिक द्वारा दायर वाद पर सुनवाई हुई।
मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में लगातार सुनवाई चल रही है। कृष्ण जन्मभूमि मामले में 13.37 एकड़ की पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की जा रही है। कृष्ण जन्मस्थान परिसर में शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की मांग को लेकर अखिल भारत हिंदू महासभा के जिला कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक की ओर से दायर वाद पर शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई हुई। न्यायालय ने ईदगाह कमेटी से प्रार्थना पत्र दाखिल कर वाद से संबंधित कॉपी देने के लिए आदेश दिया है।
ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र किया दाखिल
न्यायालय ने ईदगाह कमेटी से प्रार्थना पत्र दाखिल कर वाद से संबंधित कॉपी मांगने के आदेश दिए है। इसकी अगली सुनवाई चार मई को होगी। ईदगाह कमेटी की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद ने प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दिनेश कौशिक ने अदालत में वाद दायर कर जन्मस्थान परिसर से ईदगाह को हटाकर पूरी 13.37 एकड़ जमीन ठाकुर केशव देव को सौंपने की मांग की है।
ईदगाह में वस्तुस्थिति कायम रखने की अपील
ईदगाह कमेटी की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद ने प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। इस याचिका में ईदगाह के नीचे शिलालेख होने का दावा किया है। साथ ही शिलालेख व प्राचीन अवशेषों से छेड़छाड़ को लेकर आशंका जताई है। अमीन भेज शाही ईदगाह में वस्तुस्थिति कायम रखने की अपील की तो वहीं शाही ईदगाह में यथास्थिति बनाए रखने की भी न्यायालय से मांग की है।
जिला जज राजीव भारती की अदालत में हुई थी सुनवाई
बता दें कि इससे पहले छह अप्रैल को सुनवाई के दौरान वादी रंजना अग्निहोत्री के वाद पर जिला जज राजीव भारती की अदालत में सुनवाई हुई थी। वादी पक्ष ने कहा था कि हाईकोर्ट ने पूर्व में दायर एक वाद में कहा था कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के बीच समझौते को रद कराने के लिए सिविल में वाद दायर किया जा सकता है। इसी वजह से एक भक्त के नाते वाद दायर किया है। इसके दो लगातार दो घंटे की सुनवाई के बाद अदालत ने अगली सुनवाई के लिए शुक्रवार की तारीख तय की थी।