मायावती की कांग्रेस को सलाह, कहा- बस के मुद्दे पर क्यों अड़े? ट्रेन का करा दें टिकट

Published : May 20, 2020, 12:15 PM IST
मायावती की कांग्रेस को सलाह, कहा- बस के मुद्दे पर क्यों अड़े? ट्रेन का करा दें टिकट

सार

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर इस पूरी कवायद को बीजेपी और कांग्रेस की घिनौनी राजनीति करार दिया है। उन्होंने कांग्रेस को सलाह भी दी है कि यदि प्रवासी श्रमिकों की मदद करना ही है तो बसों से ही भेजने पर क्यों अड़े हैं। इसके बजाय आप ट्रेन का टिकट कराकर प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक भेज दें।

लखनऊ(Uttar Pradesh). उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने को लेकर योगी सरकार और कांग्रेस के बीच बसों पर सियासत जारी है। दोनों दल एक दूसरे पर तरह-तरह के गम्भीर आरोप लगाते हुए एक दूसरे को पत्र लिख रहे हैं। कई बार यूपी बॉर्डर पर कांग्रेसी नेताओं और पुलिस में झड़प भी हो चुकी है। इन सब के बीच बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर इस पूरी कवायद को बीजेपी और कांग्रेस की घिनौनी राजनीति करार दिया है। उन्होंने कांग्रेस को सलाह भी दी है कि यदि प्रवासी श्रमिकों की मदद करना ही है तो बसों से ही भेजने पर क्यों अड़े हैं। इसके बजाय आप ट्रेन का टिकट कराकर प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक भेज दें। 

कांग्रेस और यूपी सरकार के बीच प्रवासी श्रमिकों की मदद के मामले में जमकर तनातनी चल रही है। कांग्रेस योगी सरकार पर तमाम आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा पैदल वापसी कर रहे श्रमिकों की मदद के लिए 1 हजार बसों को भेजने का ऐलान करते हुए सरकार से इसके लिए अनुमति मांगी गई। सरकार ने इसके लिए अनुमति दी और उनसे बसों की लिस्ट मांगी। इस मामले में तब नया मोड़ आ गया जब लखनऊ के आरटीओ ने प्रियंका गांधी के निजी सचिव व यूपी कांग्रेस अध्यक्ष पर मुकदमा दर्ज करवाते हुई कहा कि बसों की फर्जी लिस्ट दी गई है।अब इस मामले सियासत गर्म होती दिख रही है। बसपा सुप्रीमो के ट्वीट के बाद एक बार फिर से इस मामले में सियासत तेज हो गई है।  

मायावती ने कहा करा दें ट्रेन का टिकट
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को एक के बाद एक कुल 4 ट्वीट किए . उन्होंने लिखा है, “ पिछले कई दिनों से प्रवासी श्रमिकों को घर भेजने के नाम पर खासकर बीजेपी व कांग्रेस द्वारा जिस प्रकार से घिनौनी राजनीति की जा रही है यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण। कहीं ऐसा तो नहीं ये पार्टियाँ आपसी मिलीभगत से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करके इनकी त्रासदी पर से ध्यान बाँट रही हैं?”

दूसरे ट्वीट में उन्होने लिखा है, “ यदि ऐसा नहीं है तो बी.एस.पी. का कहना है कि कांग्रेस को श्रमिक प्रवासियों को बसों से ही घर भेजने में मदद करने पर अड़ने की बजाए, इनका टिकट लेकर ट्रेनों से ही इन्हें इनके घर भेजने में इनकी मदद करनी चाहिये तो यह ज्यादा उचित व सही होगा। ”

तीसरे ट्वीट में मायावती ने लिखा है, “जबकि इन्हीं सब बातों को खास ध्यान में रखकर ही बीएसपी के लोगों ने अपने सामर्थ्य के हिसाब से प्रचार व प्रसार के चक्कर में न पड़कर बल्कि पूरे देश में इनकी हर स्तर पर काफी मदद की है, अर्थात् बीजेपी व कांग्रेस पार्टी की तरह इनकी मदद की आड़ में कोई घिनौनी राजनीति नहीं की है। ”

चौथे व आखिरी ट्वीट में मायावती ने लिखा,  “साथ ही, बीएसपी की कांग्रेस पार्टी को यह भी सलाह है कि यदि कांग्रेस को श्रमिक प्रवासियों को बसों से ही उनके घर वापसी में मदद करनी है अर्थात ट्रेनों से नहीं करनी है तो फिर इनको अपनी ये सभी बसें कांग्रेस-शासित राज्यों में श्रमिकों की मदद में लगा देनी चाहिये तो यह बेहतर होगा।  ”

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