आपराधिक इतिहास न होने पर ही मिलेगा BSP से टिकट, जानिए क्या है मायावती का प्लान

मायावती ने अब साफ-सुथरी छवि वालों को ही विधानसभा चुनाव में टिकट देने का निर्णय किया है। बसपा प्रमुख ने पार्टी पदाधिकारियों से स्पष्ट तौर पर कहा है कि टिकट चाहने वालों से पहले उनका आपराधिक इतिहास न होने का शपथ पत्र लिया जाए। 
 

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) से सांसद और विधायक (MLA) बनने के बाद आपराधिक मामले सामने आने से पार्टी की होने वाली किरकिरी से सबक लेते हुए मायावती (Mayawati) ने अब साफ-सुथरी छवि वालों को ही विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha chunav 2022) में टिकट देने का निर्णय किया है। बसपा प्रमुख ने पार्टी पदाधिकारियों से स्पष्ट तौर पर कहा है कि टिकट चाहने वालों से पहले उनका आपराधिक इतिहास (Criminal record) न होने का शपथ पत्र लिया जाए। प्रत्येक विधानसभा सीट के लिए तीन-तीन नाम सुझाए जाएं ताकि अंत समय में दूसरे पार्टियों के प्रत्याशियों और छवि को देखते हुए उनमें बदलाव करने में कोई दिक्कत न आए।

उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा अध्यक्ष मायावती इन दिनों पार्टी पदाधिकरियों के साथ बैठकें कर रही हैं। बसपा प्रमुख जिला स्तर तक के पदाधिकारियों को विरोधियों के हथकंडों से सावधान करते हुए जहां चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के रास्ते बता रही हैं। वहीं, अबकी प्रत्याशियों के चयन में भी खास सावधानी बरत रही हैं। चूंकि मायावती पहले ही स्पष्ट कर चुकी हैं कि चुनाव में किसी से भी गठबंधन करने वाली नहीं हैं इसलिए उन्हें सभी 403 सीटों के लिए प्रत्याशी तय करने हैं।

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सूत्रों के मुताबिक पूर्व में जिस तरह से पार्टी सिंबल से सांसद-विधायक बनने के बाद कुछ के गंभीर आपराधिक मामले सामने आए हैं उसको देखते हुए मायावती ने खुद की साफ-सुथरी छवि होने का जिक्र करते हुए पदाधिकरियों को निर्देश दिए हैं कि टिकट चाहने वालों से पहले इस बात का शपथ पत्र लिया जाए कि उनके खिलाफ महिला उत्पीड़न, अपहरण, हत्या सहित अन्य किसी तरह का गंभीर अपराधिक मामला नहीं है। उनका आपराधिक इतिहास नहीं है। पूर्व के किसी भी अपराध के लिए वह अब दोषमुक्त हो चुके हैं।

सूत्र बताते हैं कि बसपा प्रमुख मायावती ने पदाधिकारियों से यह भी कहा है कि जिन विधानसभा क्षेत्रों के लिए अभी प्रत्याशियों को अंतिम रूप दिया जाना है उनसे तीन-तीन नामों को प्रस्तावित किया जाए। इनमें से किसी एक को टिकट देने में उसकी छवि के साथ ही क्षेत्र में पकड़ और सपा-भाजपा के प्रत्याशियों का जातीय समीकरण देखा जाएगा।

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